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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 291)
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान Karat Karat Abhyas ke Jadmati hot Sujaan Best 8 Essay on ” Karat Karat Abhyas ke Jadmati hot Sujaan” निबंध नंबर : 01 कविवर वृंद के रचे दोहे की एक पंक्ति वास्तव में निरंतर परिश्रम का महत्व बताने वाली है। साथ ही निरंतर परिश्रम करने वाला व्यक्ति के लिए अनिवार्य सफलता प्रदान करने वाली है दोहे की यह पंक्ति। पूरा दोहा इस प्रकार है...
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June 9, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages7 Comments
यदि मैं प्रधानमंत्री होता Yadi mein Pradhan Mantri Hota Best 5 Essays on ” Yadi Mein Pradhan Mantri Hota” निबंध नंबर :-01 मानव संभवत : महत्वकांक्षी प्राणी है। अपने भविष्य के बारे में वह अनेक प्रकार के सपने देखा करता है तथा कल्पना की उड़ान में खोया रहता है। कभी-कभी मेरे मस्तिष्क में भी एक अभिलाषा होती है -यदि में देश का प्रधानमंत्री होता। पर यह अकांक्षा आकाश के तारे तोडऩे...
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June 9, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages5 Comments
यदि मैं शिक्षामंत्री होता कल्पना करना और अपने भावी जीवन के लिए मधुर स्वप्न संजोना मानव की सहज प्रवृत्ति है। एक विद्यार्थी होने के कारण जब आज मैं देश में चल रही शिक्षा पद्धिति पर नजर डालता हूँ तो मन खिन्न हो उठता है। मुझे लगता है कि आज देश में जितनी दुर्दशा शिक्षा की हो रही है, उतनी संभवत: किसी अन्य वस्तु की नहीं। लार्ड मैकाले ने भारत में स्वार्थवृत्ति...
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June 8, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
यदि मैं वैज्ञानिक होता आज के युग को वैज्ञानिक युग कहा जाता है। इस युग में किसी व्यक्ति का वैज्ञानिक होना सचमुच बड़े गर्व और गौरव की बात है। वैसे तो अतीत-काल में भारत ने अनेक महान वैज्ञानिक पैदा किए हैं और आज भी विश्व-विज्ञान के क्षेत्र में अनेक भारतीय वैज्ञानिक क्रियाशील हैं। अपने तरह-तरह के अन्वेषणों और आविष्कारों से वे नए मान और मूल्य भी निश्चय ही स्थापित कर हरे हैं।...
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June 6, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
भ्रष्टाचार या भारत में भ्रष्टाचार आधुनिक युग को यदि भ्रष्टाचार का युग कहा जाए, तो अत्युक्ति न होगी। आज भ्रष्टाचार जीवन के प्रतेयेक क्षेत्र में फैल चूका है। इसकी जड़े इतनी गहरी छा चुकी हैं कि समाज का कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रह पाया है। भ्रष्टाचार ने समाज से नैतिक मूल्यों को ध्वस्त कर दिया है स्वार्थ इर्ष्या, द्वेष तथा लोभ जैसे दुर्गुणों को बढ़ावा दिया है। ‘भ्रष्टाचार’ शब्द...
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June 3, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages8 Comments
आतंकवाद या आतंकवाद की समस्या “जहाँ भी जाता हूँ वीरान नज़र आता है खून में डूबा हर मैदान नज़र आता है कैसे है वक्त कि दिन के उजाले में भीन नहीं इंसान को इंसान नज़र आता है।” कवि भी उपर्युक्त पंक्तियाँ समाज में बढ़ते आतंकवाद की और इंगित करती हैं। आतंकवाद एक अत्यंत भयावह समस्या है जिसमें पूरा विश्व ही जूझ रहा है। आतंकवाद केवल विकासशील या निर्धन राष्ट्रों की समस्या...
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June 1, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Hindi 12, Languages8 Comments
टेलीविज़न के लाभ तथा हानियाँ या केबल टी. वी या मूल्यांकन दूरदर्शन का दूरदर्शन आधुनिक युग का एक ऐसा साधन है जो मानव को मनोरंजन देने के साथ – साथ प्रेरणा और शिक्षा भी प्रदान करता है । मनुष्य चाहे किसी भी आयु वर्ग या आर्य वर्ग अथवा किसी भी देश का वासी हो सभी के मन में एतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक स्थानों को देखने की लालसा रहती है । त्रेता युग...
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May 29, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
देशाटन या देश-विदेश की सैर या यात्रा का महत्व निबंध नंबर :- 01 देश +अटन इन दो शब्दों में संधि होने से बना है एक नया शब्द – देशाटन। ‘देश’ किसी ऐसे विशेष भू – भाग को कहा जाता है, जिसे प्रकृति ने अपने विभिन्न और विविध रूपों वाले, विभिन्न और विविध प्रकार की सम्पत्तियों से संपन्न बनाया होता है। उन्हीं के कारण एक ही देश का भाग या प्रान्त दूसरे...
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May 28, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment