Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Sharad Ritu”, “शरद् ऋतु” Complete Essay
शरद् ऋतु
Sharad Ritu
परिचय- भारत की छः ऋतुओं-वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद्, हेमंत और शिशिर में शरद् ऋतु का चौथा स्थान है। वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद शरद् ऋतु का शुभारंभ होता है। सौंदर्य की दृष्टि से वसंत ऋतु के बाद शरद ऋतु की चाँदनी मनोहारिणी होती है। शरद् ऋतु में मटमैलापन कहीं दिखाई नहीं पड़ता है। प्रत्येक वस्तु धुली हुई और स्वच्छ दिखाई पड़ती है। शरद् के बादल चाँदी की तरह शोभित होते हैं। नदी, ताल-तलैयों के निर्मल जल में गोरा-गोरा चाँद किसी का भी हृदय आकर्षित कर लेता है। इस ऋतु में वनस्पतियाँ रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती हैं। वसंत की तरह शरद् ऋतु में एक बार फिर से नयापन आ जाता है।
शरद् ऋतु की रातें कुछ ठंडी होती हैं, फिर भी वे भली लगती हैं। सरोवरों में कमल खिल जाते हैं। फुलवारियों में मालती फूल जाती हैं। तारों से सजे आसमान की रंगभूमि में जब चाँद उपस्थित होता है, तो धरती पर शीतल और मनमोहक चाँदनी बिखर जाती है। उस शीतल चाँदनी की छाँव में मन-प्राण पुलकित हो उठते हैं। वसंत में फूल खिलते हैं, तो शरद में वे हँसते हैं।
उपसंहार-वस्तुतः शरद् ऋतु मन को अत्यंत प्रिय लगने वाली ऋतु है। यह स्वच्छ निर्मल ऋतु है। शरद् पूर्णिमा को शरदोत्सव मनाया जाता है। शरदोत्सव प्राचीन भारत का प्रसिद्ध उत्सव है।