Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Delhi Metro”, “दिल्ली मेट्रो” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
दिल्ली मेट्रो
Delhi Metro
दिल्ली में भूमिगत रेलवे के निर्माण का मुद्दा यद्यपि 50 वर्ष पूर्व उठाया गया था, किंतु लंम्बे समय तक यह नौकरशाही नोंक-झोंक के दलदल में फंसा रहा। अंत में 24 दिसंबर, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना का आधिकारिक तौर पर अनावरण किया तथा दिल्ली मैट्रो के प्रथम टिकट धारक होने का गौरव भी प्राप्त किया। यद्यपि प्रारंभिक अवस्था में दिल्ली मेट्रो मार्ग की लंबाई केवल 8.3 कि.मी. है, तथापि इससे अधिकांश दिल्लीवासियों के मन में इस तंत्र को लेकर काफी उम्मीदें जगी हैं। अपने पूर्ण रूप में सन् 2021 तक इस तंत्र के मार्ग की कुल लंबाई 241 कि.मी. होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह न केवल हमारी यात्रा के स्वरूप को बल्कि हमारे रहन-सहन के तौरतरीकों में भी अभूतपूर्व परिवर्तन का कारण बनेगा।
दिल्ली मेट्रो प्रणाली में प्रयुक्त रेलगाडियाँ एक जापानी-कोरियाई अंतर्राष्ट्रीय संस्थान द्वारा निर्मित हैं, जो विश्व की अधिकांश विकसित मैट्रो प्रणाली रेलगाड़ियों की तरह ही हैं। मैट्रो रेल प्रारंभ करने वाला दिल्ली भारत का दूसरा शहर है। यद्यपि मैट्रो रेल प्रणाली प्रारंभ करने वाला कोलकाता भारत का प्रथम शहर है, फिर भी दिल्ली मेट्रो प्रणाली में प्रयुक्त तकनीक कोलकाता मैट्रो में प्रयुक्त तकनीक की अपेक्षा काफी आधुनिक है।
आधुनिक दिल्ली की परिकल्पना में दिल्ली मेट्रो को एक मील के पत्थर की तरह देखा जा रहा है। सड़कों एवं गलियों में जमाव की गंभीर स्थिति उत्पन्न करने वाली ठसाठस भरी बसों व बड़ी संख्या में निजी वाहनों के प्रयोग के कारण अधिकांश दिल्लीवासियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आशा है कि दिल्ली मेट्रो प्रणाली के प्रथम चरण के पूर्ण होने तक अर्थात् सन् 2005 तक इन समस्याओं से निजात पाई जा सकेगी। अनुमान है कि प्रति तीन मिनट पर चलने वाली, रेलगाड़ियों से प्रतिदिन लगभग 20,00,000 व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। दिल्ली जैसे भीड़-भाड़ वाले महानगर में इस प्रणाली का विशेष लाभ अनुभव किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो प्रणाली ऐसे क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाली जमाव की समस्या को कम करने में समर्थ होगी। बसों की अनुपलब्धता, ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा अधिक किराया वसूल करना, भीड़-भरा एवं दोषयुक्त यातायात आदि आजकल दिल्लीवासियों की गंभीर समस्याएँ हैं, जिन्हें दिल्ली मेट्रो प्रणाली के प्रथम चरण की पूर्णता तक हल किया जा सकेगा। वहीं दूसरी ओर इससे शहर के वायु प्रदूषण पर भी काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा जो कि दिल्ली की गंभीर समस्याओं में से एक है।
दिल्ली मेट्रो रेल प्रणाली में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। यातायात की इस नवीन प्रणाली में सुरक्षा के लिए विशेष मैट्रो पुलिस तैनात की गई है। शास्त्री पार्क डिपो में मैट्रो पुलिस का मुख्यालय स्थापित किया गया है। यात्रियों पर नजर रखने के लिए क्लोज सर्किट टेलीविजन और बम डिटेक्टर यंत्र जैसे आधुनिक सुरक्षा यंत्रों के साथ-साथ किसी भी संभावित आपात स्थिति से निपटने का पूरा-पूरा प्रबंध किया गया है। मैट्रो स्टेशनों पर एक विशेष ‘अलॉर्म सिस्टम’ लगाया गया है, जो किसी भी संदिग्ध या असामान्य भूमिगत गतिविधि की जानकारी देता है। आवश्यकता पड़ने पर केवल 4 मिनट के अंदर स्टेशनों को खाली कराया जा सकता है।
दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्री ई. श्रीधरन को दिल्ली मेट्रो अधिनियम के तहत एक तीन सदस्यीय किराया निर्धारण समिति का गठन करने का अधिकार दिया गया है। इस समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाएगी तथा समिति के अन्य दो सदस्य केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा नामांकित किए जाएंगे। दिल्ली मैट्रो रेल परियोजना की सफलता न केवल दिल्ली वरन् देश के विकास में भी एक उल्लेखनीय भूमिका निभाएगी।