Swadeshi Rajya – Uttam Rajya, “स्वदेशी राज्य-उत्तम राज्य” Hindi motivational moral story of “Dayananda Saraswati” for students of Class 8, 9, 10, 12.
स्वदेशी राज्य-उत्तम राज्य
Swadeshi Rajya – Uttam Rajya
एक बार एक अंग्रेज ने स्वामी दयानन्द जी से कहा, ‘भारत में हमारी सत्ता से आपको प्रसन्न होना चाहिए, क्योंकि भारत की उन्नति का मार्ग हमने प्रशस्त किया है। अगर हम यहां न आते तो शायद ही इसका कल्याण हो पाता।” स्वामी जी ने कहा, “यह आपका मिथ्याभियान है। क्या धर्म भ्रष्ट लोगों ने भी कभी किसी व्यक्ति या देश का कल्याण किया है।” झेंपते हुए अंग्रेज महोदय बोले, “ठीक पर आपको मानना ही पड़ेगा कि विदेशी सत्ता के अन्तर्गत होने के बावजूद आपका देश ज्यादा खुशहाल है।” महर्षि बोले, “मैं कदापि इसे मानने को तैयार नहीं। यहाँ के निवासियों को बलात डर अथवा लालच से दिखावे की ऊपरी खुशहाली को आप लोगों ने अपनी उत्कृष्ट सत्ता का प्रमाणपत्र मान लिया है। देखिये, स्वदेशी राज्य कितना भी बुरा क्यों न हो, वह अच्छे विदेशी राज्य के मुकाबले भला ही है।” अंग्रेज महोदय से कोई तर्क करते नहीं बन पड़ा।