Hindi Short Story “Bachpan hi Vyakti ka Nirmata Hota Hai”, “बचपन ही व्यक्ति का निर्माता होता है” Hindi Laghu Katha for Class 9, Class 10 and Class 12.
बचपन ही व्यक्ति का निर्माता होता है
यह कहावत जीवन का महान् सत्य है। इसका अर्थ यह है कि एक बच्चा व्यक्ति के जीवन में ऐसे होता है जैसे दिन में सुबह। जो आदतें वह बचपन में डाल लेता है वह जीवन भर उसके साथ चलती हैं। व्यक्ति एक विद्वान् बने, एक नेता बने या कुछ और, यह उसके बचपन की आदतों का नतीजा होता है। बचपन जीवन का मुख्य चरण होता है। हम व्यक्ति को जैसे चाहे उस समय ढाल सकते हैं। यदि उस समय उसे अच्छी बातें सिखाई जाएं तो वह एक अच्छा व्यक्ति बनता है। जिसे शुरू से ही झूठ बोलना सिखाया जाए उस से कोई उम्मीद नहीं रखी जा सकती। महान् व्यक्तियों का व्यक्तित्व बचपन में ही दिखाई दे जाता है। इतिहास में इस बात को साबित करने के अनेक उदाहरण मिल जाएंगे। इसलिए एक बच्चे में अच्छी आदतों का निर्माण करना चाहिए ताकि वह बड़ा होकर एक अच्छा व्यक्ति बन सके।