Hindi Samvad Writing on “Mahilao ke Sath Chechad par Samvad”, “महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ पर संवाद” Complete Samvad for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
शहर में महिलाओं के साथ बढ़ती छेड़छाड़ आदि की घटनाओं के संबंध में दो सखियों के बीच वार्तालाप
शोभना– रेखा, आज शाम नेहरूपार्क में अनुष्का शंकर का कार्यक्रम है, चलोगी ?
रेखा- मन तो बहुत है, पर माँ ने शाम के 6 बजे के बाद कहीं भी बाहर जाने पर रोक लगा दी है।
शोभना- सच, दिल्ली हम महिलाओं के लिए कितनी असुरक्षित होती जा रही है। नारी मुक्ति के नारे लगाना एक बात है और नारी मुक्ति के लिए वातावरण निर्मित करना दूसरी बात है।
रेखा- माँ स्वयं नृत्य नहीं सीख पाई क्योंकि उनके दादा लड़कियों के नाच-गाने के खिलाफ थे। माँ ने मुझे नृत्यांगना बनाकर अपना सपना पूरा करना चाहा पर देखो न, सपना सपना ही बनकर रह गया। कमानी में अपने कार्यक्रम के बाद रात को जो घटना घटी, उसके बाद से सबकुछ बदल गया।
शोभना – क्या हुआ था ? तुमने कभी जिक्र नहीं किया।
रेखा- क्या बताती। ऑटो से घर आते हुए इंडिया गेट से जब हम पंडारा रोड पर मुड़े तो ऑटो वाले ने अचानक ऑटो रोका। मेरा पर्स छीन लिया और बदतमीज़ी पर उतर आया। मेरा सौभाग्य था कि उसी समय एक पुलिसजीप आती देख वो भाग गया। नहीं तो…. सोचकर ही मेरी रूह काँप जाती है।
शोभना – संगीत जगत में कुछ अपना नाम कर सकूँ यह सोचकर माँ-बाबूजी ने दिल पर पत्थर रखकर मुझे दिल्ली में अकेले रहने की अनुमति दी थी। अगर उन्हें पता चला कि यहाँ मुझे रोज गुंडों, बदमाशों की अश्लील हरकतों से दो चार होना पड़ता है तो वे फ़ौरन मुझे वापस बुला लेंगे।
रेखा- पुलिस और सरकार के भरोसे रहना तो मुर्खता है। मैं तो अपने पर्स में मिर्च-स्प्रे रखती हूँ और अब जूडो-कराटे का भी प्रशिक्षण ले रही हूँ।