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Posts tagged "Samwad Writing"
पार्क में मिले दो अजनबियों के बीच चुनावी सरगर्मियों पर बातचीत मनीष – क्या ठंडी हवा है। यहाँ आकर तन-मन तरोताजा हो जाते हैं। संजय- यहाँ ठंडी हवा और देश में गरम हवा। इस बार का मतदान आर-पार की लड़ाई बन चुका है। मनीष – सभी दल एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हैं। बाल की खाल निकालना तो कोई इन नेताओं से सीखे। मनीष – बड़ी-बड़ी बातें और छोटे...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बादल और वृक्ष के बीच संवाद वृक्ष – स्वागत है मित्र तुम्हारा ! तुम्हारी प्रतीक्षा में देखो मैं सूखकर काँटा हो गया हूँ। बादल – वाह ! बातें बनाना खूब आता है तुम्हें ! इस बार आने में देर हो गई, क्षमा चाहता हूँ। वृक्ष – क्षमा तुम्हें नहीं, इंसान को मॉगनी चाहिए। जिसने प्रकृति के चक्र को तहस-नहस कर डाला है। विकास के नाम पर वातावरण को गरम कर दिया...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
पूरीक्षा में नकल करते पकड़े गए छात्र नकल एवं उसके पिता के बीच संवाद पिता- आज तुमने मेरा सिर शर्म से झुका दिया। क्या यही संस्कार दिए हैं हमने तुम्हें ? नकुल- मास्टर जी ने कहा और आपने उसे सच मान लिया? मैं नहीं श्रीश नकल कर रहा था ? नकुल – मुझे बेवकूफ़ बनाने की कोशिश मत करो। पकड़ी गई पर्चियों पर तुम्हारा लेख मैं पहचान गया था। नकुल- आपको...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
घर में काम करने वाली दो परिचारिकाओं के बातचीत दीपा- आज तो बहुत थक गई। गुप्ता जी के घर मेहमान आए थे। बरतन साफ़ करते-करते कंधे दुख गए। रीटा- खाने को माल भी तो मिला होगा ? ईनाम के पैसे अलग से ? क्या बात करती है ? दीपा- पहले दर्जे की कंजूस है। बचा हुआ सारा खाना फ्रिज में रख दिया। एक टुकड़ा मिठाई तक का नहीं दिया, पैसे देना...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
घर में काम करने वाली परिचारिका कमला और मालकिन प्रमिला के बीच वेतन वृद्धि को लेकर संवाद कमला – माँ जी, अगले महीने से पगार 200 रुपए बढ़ा दो नहीं तो दूसरी कामवाली ढूँढ़ लो। प्रमिला – पैसे पेड पर नहीं उगते। एकदम 200 रु० ? 100-50 कहे तो बढ़ा दूंगी। कमला – मँहगाई का हाल तो देखो। कमरे का किराया 100 रुपए बढ़ गया। आटा-चावल सब्जी सब कितने महँगे हो...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दादी और प्रगतिशील विचारों वाली पोती नेहा के बीच संवाद दादी- अरी नेहा, सुबह-सुबह कहाँ जा रही है ? नेहा- आपको बताया तो था, आज स्कूल से हमें ‘हरिजन बस्ती’ ले जा रहे हैं। वहाँ हम औरतों को घर-बाहर और स्वयं की साफ़-सफ़ाई की बातें बताएँगे। कंम्प्यूटर द्वारा वहाँ के स्कूली बच्चों का अपने बच्चों से संपर्क करवाएँगे। दादी – ऐं! तुम क्यों जाओगी इतनी गर्मी में। धूल-धक्कड़ भरी बस्ती में...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
हरे भरे वृक्ष और काट दिए वृक्ष के बीच संवाद हरा वृक्ष – क्या हाल बना दिया तुम्हारा इन इंसानों ने ? कटा वृक्ष – इंसान ? उन्हें इंसान कहेंगे तो ‘इंसानियत’ की परिभाषा बदलनी पड़ेगी। हरा वृक्ष – सच कहा तुमने ? कैसे हरे-भरे थे तुम कल तक! पक्षी तुम्हारी डाल से मेरी डाल पर फुदक-फुदक कर कैसे खेलते थे। वह बेचारी चिड़िया कितना रोई जिसका नीड़ उजड़ गया, अंडे...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
माँ के बीमार हो जाने पर भाई–बहन के बीच संवाद शैलेश – नीतू, तुमने न अपना बिस्तर ठीक किया है और ना ही कपड़े अलमारी में रखे हैं। नीतू – भैया, अभी कर दूँगी सब। मैं माँ के लिए दलिया बना रही थी। जब तक माँ ठीक नहीं हो जाती हम दोनों को मिलकर सारे काम करने होगे। शैलेश – वाह मेरी बहना! तू इतनी समझदार कैसे हो गई ? अब...
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October 31, 2020 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment