Hindi Letter “Valentine’s par apne tark dete hue Sampadak ko Patra”, “वेलेन्टाइन डे पर अपने तर्क देते हुए के संपादक को पत्र” for Class 10, 12.
वेलेन्टाइन डे पर अपने तर्क देते हुए के संपादक को पत्र
परीक्षा भवन
दिनांक
सेवा में,
कार्यकारी संपादक
दैनिक ट्रिब्यून चंडीगढ़
विषय : वेलेन्टाइन डे पर तर्क सम्मत विचार
महोदय!
मैं पाश्चात्य संस्कृति पर आधारित बैंलेटाइन डे के संबंध में अपने विचार प्रकट करना चाहता हूँ। वेलेंटाइन डे 14 फरवरी को आजकल पूरे देश में मनाया जाता है। यह प्रचलन हमें पाश्चात्य संस्कृति की राह पर चलते हुए मिला है। अगर युवक-युवती परस्पर सच्चा प्रेम करते हैं तो इसे बाजारूपन से पेश करने की क्या जरूरत है? प्रेम करना बुरा नहीं है। न ही इसे कोई कानून के माध्यम से रोका जा सकता है परन्तु अगर इस प्रेम की आड में कुछ प्रेमी युगल खुलेआम अश्लीलता का प्रचार-प्रसार करते हैं तो यह निश्चित रूप से चिन्ता का विषय हो सकता है। ऐसे दिखावेभरे प्रेम के अश्लील प्रदर्शन की खिलाफत तो होनी ही चाहिए। कबीर की बात को याद करना चाहिए ‘प्रेम न बाड़ी उपजे प्रेम न हाट बिकाय। राजा प्रजा जेहि रुचे सीस देहि ले जाय। अगर युवाओं में ऐसा प्रेम हो तो इसके प्रदर्शन की आवश्यकता नहीं। यह तो परस्पर प्रेमी स्वयं ही पहचान लेते हैं।
भवदीय
जनेश्वर शुक्ल
मोहाली (पंजाब)