Home » Languages » Hindi (Sr. Secondary) » Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Marlon Brando” , ”मार्लन ब्रांडो ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Marlon Brando” , ”मार्लन ब्रांडो ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

मार्लन ब्रांडो 

Marlon Brando

ब्रिटिश : विश्व का सबसे महंगा सुपरस्टार

जन्म : 1924

 

हॉलीवुड के सबसे महंगे अभिनेता एवं पूर्व सुपरस्टार मार्लन ब्रांडो को दो बार ‘ऑस्कर यएवॉर्ड’ पाने का सौभाग्य मिला। वह ‘द गॉड फादर’ तथा ‘सुपरमैन-II’ फिल्म के अभिनेता रहे। उन्होंने चार्ली चैप्लिन, जेन फौंडा, रिचर्ड बर्टन, सोफिया लारेन, जॉन ह्यूस्टन, एलिजाबेथ टेलर, फ्रेंक सिनात्रा आदि दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया।

मार्लन ब्रांडो का जन्म 3 अप्रैल, 1924 को हुआ था। अभिनय जगत में उनका प्रवेश सन् 1950 में ‘द मैन’ से हुआ। उन्होंने ब्रिटिश, हॉलीवुड, इटैलियन तथा जापानी फिल्मकारों की फिल्मों में अभिनय किया। सत्तर के दशक में वह अभिनय की चोटी पर पहुँचे। उनका पहला विवाह मारिया कास्टेंडा, दूसरा इन्ना केश्फी व तीसरा मोविटा के साथ हुआ। उन्होंने हेनरी जेम्स के उपन्यास पर आधारित ‘द नाइट कमर’ का निर्माण तथा ‘वन आइड जैक’ का निर्देशन भी किया। ‘ऑन द वाटर फ्रंट’ (1954) तथा ‘द गॉड फादर’ (1972) के लिए उन्हें ‘ऑस्कर एवार्ड’ से सम्मानित किया गया। ‘द गॉड फादर’ में ब्रांडो ने एक माफिया डान की जबर्दस्त भूमिका निभाकर विश्वभर में अपार ख्याति अर्जित की। यह फिल्म सिने जगत में अविस्मरणीय मानी जाती है। फिल्म ‘सुपरमैन’ (1978) में ब्रांडो ने मात्र 25 मिनट काम करने के एवज में एक करोड़ डॉलर का मेहनताना लिया।

मार्लन ब्रांडो ने फिल्मों में सभी प्रकार की भूमिकाएं की हैं। वह मार्क एंटोनी, नेपोलियन, डान, अधेड़ प्रेमी आदि सब कुछ बने। उनकी प्रमुख उल्लेखनीय फिल्में हैं : ‘वीवा जपाटा’ (1952), ‘जूलियस सीजर’ (1953), ‘ऑन द वाटर फ्रंट’ (1954), ‘द वाइल्ड वन’ (1954), ‘डेसिरी’ (1954), ‘गाइज एंड डॉल्स’ (1955), ‘द टी हाऊस ऑफ द अगस्त मून’ (1956), ‘द यूँग लायन’ (1958), ‘द अग्ली अमेरिकन’ (1963), ‘बेडटाइम स्टोरी’ (1964), ‘द चेज’ (1966), एप्पतोशा’ (1966), ‘ए काउंटेस फ्रॉम हांग कांग’ (1967), ‘रिफ्लेक्शन इन द गोल्डन आई (1967), ‘नाइट इन द फॉलोइंग डे’ (1968), ‘कैंडी’ (1968), ‘बर्न’ (1969), ‘द गाड फादर (1972), ‘लास्ट टैगो इन पेरिस’ (1972), ‘द मिसौरी ब्रेक्स’ (1976), ‘सुपरमैन’ (1978), ‘फार्मूला पाकालप्स नाड’, ‘ए स्ट्रीट कार नेम्ड डिजायर’, ‘सायोनारा’, ‘वन आइड जैक’, ‘म्यूटिनी ऑन द बाउंटी’ तथा ‘मोरिटरी’।

About

The main objective of this website is to provide quality study material to all students (from 1st to 12th class of any board) irrespective of their background as our motto is “Education for Everyone”. It is also a very good platform for teachers who want to share their valuable knowledge.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *