Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Cleopatra” , ”क्लियोपैट्रा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
क्लियोपैट्रा
Cleopatra
मिस्र : सौंदर्य की देवी
जन्म : 69 ई.पू. मृत्यु : 30 ई.पू.
जिस क्लियोपैट्रा को ‘सौंदर्य की देवी’ माना जाता है, वह असल में एक खिताब है। प्राचीन मिस्र की रानियों और राजकुमारियों को ‘क्लियोपेट्रा’ के नाम से पुकारा जाता था। अपने अद्वितीय सौंदर्य के कारण इन सबमें सर्वाधिक प्रसिद्ध क्लियोपेट्रा सप्तम थी, जो ग्यारहवें टालेमी की बेटी थी। वह अपने भाइयों में बड़ी होने के कारण पिता की मृत्यु के बाद राजगद्दी की अधिकारिणी बनी। परंतु भाई इस बात को सहन न कर सके, क्योंकि उनके परामर्शदाता इस बात के विरुद्ध थे। इसलिए उन्होंने राजगद्दी पर अधिकार करके उसे मिस्न से खदेड़ दिया। वस्तुतः क्लियोपैट्रा को सौंदर्य की देवी तो माना जाता है, परंतु उसके आकर्षण का सबसे बड़ा कारण उसका दृढ़ व्यक्तित्व और चातुर्य था।
जिस समय क्लियोपैट्रा को मिन से बाहर निकाला गया, उस समय उसपर रोम के शासकों का आधिपत्य था। रोम के लोगों के खाने के लिए सबसे अधिक गेहूं यहीं से प्राप्त होता था। जिस समय सीजर मिन आया, तो वहां गृह युद्ध चल रहा था। क्लियोपैट्रा इस बात पर प्रयत्न कर रही थी कि वह पुनः रांजगद्दी संभाल ले। वह सीजर से सहायता लेना चाहती थी। ऐसा कहा जाता है कि उसने सीजर तक पहुंचने के लिए एक तरकीब सोची। मिस्र के बढ़िया कालीन में उसे लपेटकर उसके सहयोगियों ने सीजर के सामने पेश कर दिया। सीजर ने जब उसे देखा, तो उसपर मुग्ध हो गया। वह उसके प्रेमपाश में बंध गया। सीजर की मृत्यु के बाद जिस समय रोमन साम्राज्य का बंटवारा हुआ, तो यह बात क्लियोपैट्रा के विरुद्ध गयी। एंटनी सीजर का मित्र और क्लियोपेट्रा का प्रेमी था। अंततः एंटनी भी पराजित हो गया और पराजय की लज्जा के मारे उसने आत्महत्या कर ली। क्लियोपेट्रा ने जब यह सुना, तो उसने भी विष खाकर अपने प्राण त्याग दिए।