Home »
Archive by category "Languages" (Page 117)
हिकमत Hikmat महाराष्ट्र के संत गाडगे महाराज नांदेड़ जिले में स्थित एक ग्राम में गए। तब उस इलाके पर निजाम का अधिकार था और उसने हरि-कीर्तन पर पाबंदी लगा दी थी, क्योंकि उसे डर था कि कहीं इससे जाति-द्वेष न फैले; मगर इसके बावजूद गाडगे महाराज ने कीर्तन की घोषणा कर दी। उनका कीर्तन सुनने के लिए लोग झुंड के झुंड एकत्रित होने लगे । बात पुलिस तक जा पहुँची और...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
विश्व-प्रेम Vishva-Prem स्वामी दयानंद ने फर्रुखाबाद में नगर के किनारे एक झोंपड़ी में अपना डेरा डाला था। कैलास नामक एक युवक की उन पर बड़ी श्रद्धा थी। एक दिन वह उनके पास आया और उसने अंदर आने की अनुमति माँगी। दयानंद हँसते हुए बोले, “यदि कैलास इस छोटे-से झोंपड़े में प्रवेश कर सकता है, तो उसे अवश्य आना चाहिए।” अंदर आते ही वह बोला, “स्वामीजी ! आज मैं आपके पास किसी...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सच्ची उपासना Sachi Upasana एक बार गुरु नानक सुल्तानपुर पहुँचे। वहाँ उनके प्रति लोगों की श्रद्धा देख वहाँ के काजी को ईर्ष्या हुई। उसने सूबेदार दौलतखाँ के खूब कान भरे और शिकायत की कि वह कोई पाखंडी है, इसीलिए आज तक नमाज पढ़ने कभी नहीं आया।” सूबेदार ने नानकदेव को बुलावा भेजा, किन्तु उन्होंने उस ओर ध्यान नहीं दिया। जब सिपाही दुबारा बुलाने आया, तो वे उसके पास गए। उन्हें देखते...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
व्यर्थ की जिज्ञासा Vyarth ki Jiggyasa एक बार मलुक्यपुत्र गौतम बुद्ध के पास आकर बोला, “भगवन् ! आपने आज तक यह कभी नहीं बताया कि मृत्यु के उपरांत पूर्ण बुद्ध रहते हैं या नहीं?” इस पर बुद्धदेव बोले, “हे मलुक्यपुत्र! मुझे यह बताओ कि भिक्षु होते समय क्या मैंने तुमसे यह कहा था कि तुम मेरे ही शिष्य बनना ?” मलुक्यपुत्र ने नकारात्मक उत्तर दिया । तब बुद्धदेव बोले, “यदि किसी...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गला सत्य का घोटिन, खुसामद बचन न उतारो Gala Satya ka Ghotin, Khusamad Bachan na Utaro कवि श्रीपति निर्धन थे, मगर निर्भीक और आत्मसम्मानी थे। भिक्षा में जो कुछ पाते, उसी से अपना जीवन-निर्वाह करते थे। पत्नी गरीबी से त्रस्त हो चुकी थी। उसने अकबर की प्रशंसा सुनी, तो पति को उनके पास भेजा। उनकी भक्तिपरक रचनाओं से बादशाह संतुष्ट हो गया और उसने उन्हें अपने दरबार में रख लिया। उनकी...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दोस्ती के हाथ Dosti Ke Haath स्वामी रामतीर्थ जहाज द्वारा जापान से अमेरिका जा रहे थे। जब सैनफ्रांसिस्को बंदरगाह आया, तो सब लोग उतरने लगे, लेकिन स्वामीजी निश्चित भाव से डेक पर टहलने लगे। एक अमरीकी का जब उनकी ओर ध्यान गया, तो उसने पूछा, “महाशय ! आपका सामान कहाँ है?” “मेरे पास कोई सामान नहीं है, जो कुछ है, मेरे शरीर पर ही है।” “क्या आपके पास पैसे भी नहीं...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
जाकी रही भावना जैसी Jaki rahi bhawna jaisi एक बार संगीताचार्य तानसेन ने एक भजन गाया- जसुदा बार बार यों भाखै । है कोउ ब्राज में हितू हमारो, चलत गोपालहिं राखै ॥ इस पद का अर्थ अकबर की समझ में नहीं आया। उसने दरबारियों से इसका अर्थ पूछा। तब तानसेन ने कहा, “यशोदा बार-बार कहती है- क्या ब्रज में हमारा कोई ऐसा हितैषी है, जो गोपाल को मथुरा जाने से...
Continue reading »
January 24, 2023 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
Write an application to the principal of your college for a Request for a holiday. To The Principal Wilson College Mumbai Sir We, the students of the college, request that August 3, should be declared a holiday, so that we can go and see the Test Match, India versus Australia, at the Wankhede Stadium. Even if the college is not closed, most of the students are likely to play truant and...
Continue reading »
January 9, 2023 evirtualguru_ajaygourEnglish (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment