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Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 281)
दल-बदल : समस्या और समाधान Dal-Badal : Samasya Aur Samadhan ‘दल-बदल’ वाक्य-खंड का सामान्य अर्थ है, एक समूह को छोडक़र दूसरे में जा मिलना। परंतु इस खंड वाक्य का एक विशेष निहितार्थ भी है। वह है निष्ठा का बदलना। अर्थात वैचारिक एंव भावनात्मक स्तर पर पहली निष्ठा का समाप्त होकर नहीं निष्ठा का आ जाना। यह समूह या निष्टा परिवर्तन का सूचक खंड-वाक्यय मुख्य रूप से राजनीति-क्षेत्र की देन है, अत:...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-श्रीलंका संबंध Bharat-Sri Lanka Sambandh निबंध नंबर :- 01 आज का हमारा पड़ोसी देश श्रीलंका अतीत काल से कभी विशाल भारत का ही एक भाग हुआ करता था। खैर, आज अतीत के उन भूले-बिसरे खंडों में झांकने की आवश्यकता नहीं। ऐसा करने का प्रयास ही व्यर्थ है। आज श्रीलंका भी भारत के समान ही एक प्रभूसत्ता संपन्न स्वतंत्र देश है। उसका अपना स्वतंत्र संवधिान और अपनी ही स्वतंत्र शासन व्यवस्था है।...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गुट-निरपेक्ष आंदोलन और भारत Gut-Nirpeksh Andolan Aur Bharat विश्व के राजनीतिक-मंच पर भारत गुट-निरपेक्ष आंदोलन का जनक और प्रवर्तक है, इसे सभी मुक्त भाव से स्वीकार करते हैं। 15 अगस्त 1947 के दिन जब लंबे संघर्ष के बाद भारत ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब तक इसकी विदेश नीति के मानदंड यहां राज्य कर रही ब्रिटिश सरकार द्वारा ही निर्धारित किए जाते थे। भारत के स्वतंत्रता-प्राप्ति तक विश्व मुख्यत: दो...
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July 7, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-अमेरिका संबंध Bharat America Sambandh निबंध नंबर :- 01 विश्व की राजनीतिक रंगमंच पर भारत और अमेरिका दो महान और सबसे बड़े जनतंत्री व्यवस्था वाले देश हैं। जनतंत्रवादी परंपराओं के पोषक होने के नाते दोनों का वर्चस्व भी विश्व में अत्याधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। दोनों मानवतावादी और मिश्रित अर्थव्यवस्था पर भी विश्वास रखते हैं। विश्व-शांति के इच्छुक और उपासक हैं, फिर भी क्या यह विश्व का आठवों या नौंवा आश्चर्य...
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July 6, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भारत-चीन संबंध Bharat-Chin Sambandh राजनीतिक दृष्टि से संबंधों की दुनिया भी बड़ी अनोखी हुआ करती है। एशिया के दो महान और अत्यंत प्राचीन सभ्यता-संस्कृति वाले देश भारत और चीन अपनी खोई हुई स्वतंत्रता मात्र एक वर्ष के अंतर से पुन: प्राप्त करने में सफल होपाए थे। भारत का नया जन्म सन 1947 और आधुनिक साम्यवादी चीन का जन्म सन 1948 में हुआ। अपने नए जन्म के लिए दोनों को लगभग समान...
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July 6, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
एक राष्ट्रीयता और क्षेत्रीय दलों की बाढ़ Ek Rashtriyata Aur Kshetriya Dalo ki Badh किसी विशाल भू-भाग को देश कहा जाता है। उस देश नामक भू-भाग पर निवास करने वाले सभी प्रकार के लोग जब उसके प्रत्येक कण के साथ अपनत्व स्थापित कर लेते हैं, उसकी रक्षा एंव समृद्धि के लिए प्राण-पण की बाजी लगाने को तत्पर रहा करते हैं, तब राष्ट्र नामक सूक्ष्म तत्व का जन्म हुआ करता है। उसके...
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July 6, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
गांधीवाद और भारत Gandhivad Aur Bharat कई बार कुछ महारुपुष किसी राष्ट्र के प्रतीक भी बन जाया करते हैं। महात्मा गांधी के बारे में ऐसा कहा जा सकता है। वे आधुनिक और स्वतंत्र भारत के जनक माने जाते हैं। हमनें स्वतंत्रता-प्राप्ति के लिए जो लंबा संघर्ष किया, वह वस्तुत: गांधीवादी चेतना पर ही आधरित था, इसी कारण ऐसा कहा जाता और उन्हें राष्ट्र का प्रतीक माना जाता है। जिसे गांधीवाद कहा...
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July 6, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
भावनात्मक एकता Bhavnatmak Ekta भावना के स्तर पर एक देश या राष्ट्र के सभी जनों में एकता का भाव रहना अत्यावध्यक हुआ करता है। ऐसा भाव ही भावनात्मक एकता कहलाता है। संस्कृत की एक कहावत है ‘संघे शक्ति: कलियुगे।’ अर्थात कलयुग में संघ, संगठन या संगठन में ही वास्तविक शकित छिपी रहा करती है। संगठन या संगठन का मूल अर्थ और भाव है-एकता। छोटे स्तर पर घर-परिवार में सुरक्षित जीवन जीने...
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July 6, 2017 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment