Home »
Languages »
Archive by category "Hindi (Sr. Secondary)" (Page 316)
काश मैं वृक्ष होता वृक्ष प्रकृति की सबसे अनमोल कृति है। पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है क्योंकि यहाँ वन मौजूद है। पृथ्वी की अनोखी एवं मनमोहक छटा का कारण पृथ्वी पर पाए जाने वाले वृक्षों एवं पौधों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि मैं भी वृक्ष के रूप में प्रकृति का हिस्सा बनना चाहता हूँ । यदि मैं वृक्ष होता तो अन्य वृक्षों की तरह...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
बाल श्रम Bal Shram निबंध नंबर :-01 बाल श्रम से तात्पर्य ऐसे कार्यों से है। जो अवयस्क बच्चों से लिया जाता है। बाल श्रम भारत जैसे विकासषील देष के लिए एक राष्ट्रीय समस्या है। बाल श्रम के अंतर्गत वैसे सारे कार्य आते हैं जो बच्चों से स्वेच्छा अथवा जबरन कराए जाते हैं। आज विश्व के अनेक राष्ट्रों ने बाल श्रम व उत्पीड़न से निबटने के लिए अनेक कानून बनाए हैं।...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रदुषण प्रदुषण ने आज समस्त संसार को अपने आगोश में ले लिया है। संसार का शायद ही कोई ऐसा भाग बचा हो जो प्रदुषण के प्रकोप से से अछुता हो। पर्यावरण में मानव के अति हस्तक्षेप ने तो मानव के अस्तित्व को ही खतरे में ला खड़ा किया है। आज घर हो या बाहर सर्वत्र मानवीय कियाकलापों ने प्रदुषण का प्रसार कर रखा है। वायु प्रदुषण एवं जल प्रदुषण...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages2 Comments
ग्लोबल वार्मिंग के खतरे निबंध नंबर :01 ग्लोबल वार्मिंग अर्थात् विश्वव्यापी तापक्रम वृद्धि से तात्पर्य विश्व के औसत तापक्रम में आई वृद्धि से है। आज पूरे विश्व के लिए यह चिंता का विषय बन चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के अंतर्गत अनावश्यक तापक्रम वृद्धि से उत्पन्न विश्वव्यापी खतरों को चिन्हित किया जाता है। विश्व के अधिकांश देशों ने ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को भाँप लिया है। ग्लोबल वार्मिंग ने अपनी प्रचंडता का...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरे सपनों का भारत Mere Sapno Ka Bharat निबंध नंबर : 01 भारत हमारी जन्म एवं कर्मभूमि है। भिन्न-भिन्न जाति वर्ग के लोगों के बीच इस देश ने अपनी पारंपरिक सभ्यता-संस्कृति एवं सर्वधर्मसहिष्णुता की भावना के कारण विश्व में अपनी अनूठी पैठ बना रखी है। भारत सदियों से विश्व का मार्गदर्शक बना हुआ है। ऐसे में देश की प्रतिष्ठा दिन-व-दिन धूमिल होती जा रही है। जहां भारत की सभ्यता-संस्कृति तथा परम्पराओं...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments
पुस्तकालय पुस्तकालय से तात्पर्य है पुस्तकों का घर। विद्या के प्रचार-प्रसार में विद्यालयों के अतिरिक्त पुस्तकालयों का ही सर्वाधिक योगदान होता है। यह वही स्थल है जहां हमें भांति-भांति के विषयों की सहज जानकारी उपलब्ध हो जाती है। पुस्तकालयों का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। प्राचीन काल से ही जब से भाषा को लिपिबद्ध करने का प्रचलन हुआ पुस्तकालयों का भी गठन किया गया। विश्व के अनेक प्रांतों में आज भी प्राचीनतम...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages1 Comment
खेल-कूद का महत्व ज़िन्दगी में अक्सर खेल के महत्व को हम ध्यान नहीं देते हैं खेल में भाग लेने से सबसे पहले तो हमारे स्वास्थ्य पर उत्तम प्रभाव पड़ता है भागने से या क्रिकेट और टेनिस खेलने से हमारी सास लेने की योग्यता २ या ३ गुना बढ़ जाती है इसके अलावाए हमारे शरीर में हमारे रक्त का परिसंचरण भी सुधर जाता है खेलों में भाग लेने सेए हमारा दिमाग भी...
Continue reading »
April 1, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मेरा प्यारा भारतवर्ष मेरा भारत यह मात्र शब्द नहीं है अपितु हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़ है, हर हिन्दुस्तानी का गौरव है, उसका सम्मान है और सबसे बड़ी बात उसकी पहचान है, यह भारतवर्ष। हम इस भूमि में पैदा हुए हैं। हमारे लिए यह इतनी महत्त्वपूर्ण है जितने की हमारे माता.पिता हमारे लिए। भारत एक भू.भाग का नाम नहीं है। अपितु उस भू.भाग में बसे लोगोंए उसकी संस्कृतिए उसकी सभ्यताए...
Continue reading »
March 31, 2016 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments