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Upar Baithna, “ऊपर बैठना” Hindi motivational moral story of “Dayananda Saraswati” for students of Class 8, 9, 10, 12.
ऊपर बैठना
Upar Baithna
आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने बुद्धि, बल और वैदिक ज्ञान से अपने समय के कई पंडितों और विद्वानों को शास्त्रार्थ में पराजित कर दिया था। स्वामी जी वेदों के पंडित होने के साथ ही विनोदप्रिय भी थे। उनके विनोद अशिष्ट न होकर शिक्षाप्रद होते थे।
एक बार अलीगढ़ में एक पंडित शास्त्रार्थ के लिए आया किन्तु वह स्वामी जी से ऊँचे चबूतरे पर बैठा। उसे लोगों ने स्वामी जी के साथ नीचे बैठने को कहा, पर वह नहीं माना।
स्वामी जी ने कहा, “कोई बात नहीं, ऊपर ही बैठा रहने दो। ऊपर बैठने से कोई बड़ा नहीं हो जाता।” पास के एक वृक्ष की ओर संकेत करके स्वामी जी ने कहा, “देखो, वह कौवा पंडित जी से ऊपर बैठा है।”