The Festival of Id-Ul-Fitre “ईद-उल-फितर का त्योहार” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 8, 9, 10, 12 and Graduation and other classes.
ईद-उल-फितर का त्योहार
The Festival of Id-Ul-Fitre
लाखों मुसलमान दुनियाभर में ईद-उल-फिर का त्योहार जोश से मनाते हैं।
हर धार्मिक मुसलमान त्योहार से पहले एक महीन व्रत करता है। इस महीने को रमज़ान का महीना कहते हैं। इसका मुसलमानों के लिए बहुत महत्व होता है।
रमज़ान के दौरान मुसलमान लोग दिन में पांच बार प्रार्थना करते हैं और गरीबों को भीख और खाना देते हैं। व्रत रखने वाले मुसलमान दिन निकलने से पहले खाना खाते हैं (सेहर) और पूरे दिन के दौरान, पानी तक नहीं पीते। सूर्यास्त के बाद (इफ्तार) वे अपना व्रत खोलते हैं।
महीने के आखिरी दिन में उत्सुकता से चाँद की प्रतीक्षा करते हैं। ईद मनाना चाँद के निकलने पर निर्भर करता है। चाँद देखने के अगले दिन ईद मनाई जाती है।
ईद के दिन बाजार सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाई जाती है। मुसलमान लोग नए कपड़े पहनते हैं। आदमी कपड़े की टोपी पहनते हैं। वे सुबह जल्दी स्नान करके पास की मस्जिद या ईदगाह में जाकर अल्लाह का धन्यवाद करके प्रार्थना करते हैं। तब वे एक दूसरे के गले मिलते हैं। इस दिन वे गरीब और अमीर में कोई अन्तर नहीं करते। सभी बराबर हैं। भाईचारे की भावना छा जाती है। दुकानों पर बड़ी भीड़ होती है। वे मिठाई खरीदते हैं। बच्चे खिलौने खरीदते हैं।
घर वापिस आकर वे बड़ी दावत में हिस्सा लेते हैं। वे मित्रों और सम्बन्धियों में मिठाईयाँ और बढ़िया पकवान भी बांटते हैं।
शायद यह दुनिया का एक मात्र ऐसा त्योहार है जो बलिदान और जीवन की शुद्धता पर अत्यधिक जोर देता है। इसके इलावा यह हमें प्रेम, सहानुभूति, और भाईचारे का महत्त्व समझाता है।