Home »
Posts tagged "Hindi Essay" (Page 181)
आज की नारी Aaj Ki Nari आधुनिक काल में नारी-सामाजिक व्यवस्था में स्थान रखती है। पुरूषों की भाँति ही वह उच्च शिक्षा ग्रहण करती है, सभी प्रकार की टेªनिंग लेती है और घर की सीमाओं से बाहर निकलकर स्कूल, क्रीड़ा जगत, पुलिस, सेना आदि कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ नारी का प्रवेश न होता है। शिक्षा प्राप्ति और नौकरी से और कोई लाभ हुआ हो या न हुआ हो, एक...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
प्रगतिशील भारत की समस्याएँ Pragatisheel Bharat ki Samasyaye प्रत्येक प्रगतिशील देश को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भारत भी प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उसे भी अनेक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। वर्तमान समय में भारत को आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष करना पड़ रहा है। आज सारा भारत इससे ग्रस्त है। विशेषकर जम्मू-कश्मीर आतंकवादियों का शिकार हो रहा है। इसके परिणामस्वरूप अनेक निर्दोष व्यक्ति हत्या के शिकार...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
सांप्रदायिकता Sampradayikta भारत में ‘ सांप्रदायिक एकता ’ का प्रश्न ज्वलन्त है, क्योंकि प्रति वर्ष सैकड़ों लोग सांप्रदायिक दंगों में मारे जाते हैं। संप्रदाय के नाम पर घृणा, ईष्र्या, द्वेष, क्रोध, दंगा, हत्या, तोड़-फोड़, क्रूरता, बर्बरता जैसी अमानवीय प्रवृत्तियाँ पनपती हैं, और इनके कारण मानवीय संवेदना ही समाप्त हो जाती है। मानव, मानव न रहकर पशु हो जाता है, हिंसक हो जाता है। ऐसी अवस्था में मानवीय मूल्यों पर विश्वास करने...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
वनों का महत्व Vano Ka Mahatva भारत की शस्य-श्यामला छवि ने भला किसको आकर्षित नहीं किया। यह देश सदैव अपनी प्राकृतिक शोभा, रमणीयता और सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध रहा है। मात्र भारतीय ही क्यों विदेशी भी भले ही वह भारत दर्शन के लिए आया हो, भारत की अध्यात्म-विद्या से प्रभावित शांति की खोज में आया हो या भारत को ‘सोने की चिड़िया’ देश उसे लूटने की दृष्टि से आया हो,...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
एक अकेली बुढ़िया Ek Akeli Budhiya मेरे पड़ोस में एक बुढ़िया रहती है। वह अकेली है। उसका बूढ़ा पति हरिद्वार में रहता है। बुढ़िया को अपना अकेलापन काटना बहुत दूभर प्रतीत होता है। पर उसने इसका उपाय सोच लिया है। वह गली-मोहल्ले में होने वाले उत्सव-समारोह में बिना बुलाए ही जा पहुँचती है और खूब काम करती है। वह अपना अनुभव भी उन्हें बताती है। इससे कई बार अपमानजनक स्थिति...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
समाज की समस्याएँ Samaj ki Samasyaye आज का समाज दो वर्गाें में बँटकर रह गया है- शोषक और शोषित वर्ग। शोषक पूँजीपति वर्ग से संबंधित है। इसे केवल अपने स्वार्थ के सिद्ध होने से मतलब है। यह अपने श्रमिकों का भरपूर शोषण करता है। किसान-मजदूर शोषित वर्ग के अंतर्गत आते हैं। इस शोषित समाज की अनेक समस्याएँ हैं। शोषित समाज को जीवन की मूलभूत सुविधाएँ तक उपलब्ध नहीं हंै।...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
बाढ़ और उसके प्रभाव Badh aur uske Prabhav अगस्त का महीना था। आकाश में बादल छाए हुए थे। राजधानी में तेज वर्षा और कई दिनों की झड़ी के कारण सड़कें पानी में डूब गई थीं और यातायात ठप्प हो गया था। दिल्ली के गाँवों में इससे भी भंयकर वर्षा हुई जिसके कारण नजफगढ़ जाना चढ़ आया और निकटवर्ती गाँवों में पानी का खतरा बढ़ गया। कुछ अदूरदर्शी किसानों ने जब...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), LanguagesNo Comment
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना Majhab nahi Sikhata aapas me ber Rakhna निबंध नंबर:- 01 उपर्युक्त सूक्ति प्रसिद्ध शायर इकबाल की है। उन्होंने उपनी एक देश प्रेम की कविता में लिखा है- ‘‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम , वतन है हिन्दोस्तां हमारा।’’ इन शब्दों में ऐसा जादू था कि प्रत्येक मजहब के लोग स्वयं को भातरीय मानते हुए भारत को स्वतंत्र कराने के...
Continue reading »
June 15, 2018 evirtualguru_ajaygourHindi (Sr. Secondary), Languages3 Comments