Home » Posts tagged "Hindi Essay" (Page 123)

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Yadi Himalaya Na Hota”, ”यदि हिमालय न होता ” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
यदि हिमालय न होता Yadi Himalaya Na Hota पर्वतराज हिमालय ऊँची और ऊँची, ऊँची-ही-ऊँची उठती हई उसकी बर्फ से ढकी चोटियों को देख कर लगता है कि जैसे एक रोज अन्तरिक्ष का सीना चीर कर इस धरती को स्वर्ग से मिला कर एक कर देंगी। हिमालय, जिसे भारतीय भूभाग के मस्तक का मुकुट माना जाता है, एक मौन तपस्वी और उच्चता का प्रतीक उन्नत सिर कह कर कवित किया जाता है।...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Yadi me Pakshi Hota”, ”यदि मैं पक्षी होता” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
यदि मैं पक्षी होता Yadi me Pakshi Hota शैशव के सुकुमार क्षणों में किसी को गाते हुए सुना था-“मै बन का पक्षी बनकर, बन-बन डोलूँ रे । तभी से मन-मस्तिष्क में अनजाने ही यह इच्छा उत्पन्न हो गई थी कि काश! मैं भी पक्षी बन कर पैदा हआ होता, तो कितना मजा आता। जब जी चाहता, पाव फैला कर आकाश में ऊँचे उड़ जाता। जब जी चाहता, लौट कर फिर वापिस...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Yadi me Mathematician Hota”, ”यदि मैं गणितज्ञ होता” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
यदि मैं गणितज्ञ होता Yadi me Mathematician Hota कल्पनाएँ करना, सपने देखना मनुष्य जाति का जन्मजात स्वभाव है। कई बार आदमी वह सब करने और होने के सपने देखा करता है कि जो वह नहीं है और न ही कर सक है। मैं यह स्वीकार करता हूँ कि गणित मुझे आज भी नहीं आता और बड़ा ही डरावना विषय लगता है। इस की चर्चा सुनने और नाम आते ही मैं भाग...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Railway Station ka Drishya”, ”रेलवे-स्टेशन का दृश्य” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
रेलवे-स्टेशन का दृश्य Railway Station ka Drishya अपने बड़े-बूढों से कई बार सुना है कि एक जमाना था, जब भारत की रेले लगभग खाली दौड़ा करती थीं। एक डिब्बे में दो-चार यात्री हुआ करते थे। तब यात्रा करने वाले। अक्सर ऐसे डिब्बे में बैठना पसन्द करते थे, जहाँ पहले से चार-छः यात्री अवश्य मौजूद हों। इस कारण भी कई डिब्बे एकदम खाली रह जाया करते थे। डिब्बों के अन्दर की इस...
Continue reading »

Hindi Speech on “Gantantra Diwas 26 January”, ”गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी)” Complete Speech for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी) भारत में नवोदित स्वतन्त्रता के उपलक्ष्य में जो राष्ट्रीय पर्व मनाये जाते हैं उनमें 26 जनवरी का विशेष महत्त्व है। यह राष्ट्रीय पर्व हर वर्ष हमें स्वतन्त्र सत्ता का भान कराकर चला जाता है। भारत का प्रत्येक नागरिक इसे बिना किसी भेद भाव के हर्षोल्लास के साथ मनाता है। इतिहास अभी साक्षी है। सन् 1929 ई० को रावी नदी के तट पर कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Asian Games”, ”एशियाई खेल ” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
एशियाई खेल Asian Games जीवन के प्रत्येक कार्य को खेल मान कर हार-जीत की चिन्ता किए बिना महज बनते जाने में ही नश्वर जीवन की सार्थकता है, ऐसा भारतीय जीवन-दर्शन का परम्परागत मत एवं मान्यता रही है। एशियाई खेलों का समारंभ भी एक तो इस भावना से, दूसरे एशिया महाद्वीप के समस्त देशों को एक-दूसरे के निकट लाने के उद्देश्य से ओलिम्पिक खेलों की तर्ज पर एशियाई खेलों का आरम्भ सन्...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Rajdhani Delhi”, ”राजधानी दिल्ली ” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
राजधानी दिल्ली दर्शनीय स्थल दिल्ली आज भी भारत की राजधानी नहीं बनी, बल्कि पाण्डवों के काल से यह गौरव से मण्डित होती आ रही है। हाँ, आज जिस स्थान पर यह स्थित है, राजधानी के रूप में यह स्थान और नाम अवश्य कई बार बदल चुकी है। कहा जा सकता है कि मेरठ या रोपड़ आदि के आस-पास स्थित हस्तिनापुर गाँव से लेकर महरौली और छतरपुर तक के इलाके में इस...
Continue reading »

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Aaj ke Lokpriya Khel”, ”आज के लोकप्रिय खेल ” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes

Hindi-Essay-Hindi-Nibandh-Hindi
आज के लोकप्रिय खेल Aaj ke Lokpriya Khel खिलाड़ी होना मनुष्य का सहजात स्वभाव है। तभी तो जन्म लेने के बाद कुछ होश सम्हालने पर बच्चा खेल-कूद को ही सब से अधिक महत्त्व दिया करता है। अन्य सभी कुछ भूल कर उसका ध्यान भी अधिकतर खेल-कूद में ही रमा और केन्द्रित रहा करता है। उसे अन्य कुछ सूझता ही नहीं। आरम्भ से ही शिक्षा के साथ खेल-कूद को दो प्रमुख कारणों...
Continue reading »