Red Cross “रेड-क्रॉस” Hindi Essay, Paragraph in 1000 Words for Class 10, 12 and competitive Examination.
रेड-क्रॉस
Red Cross
विश्व का हर धर्म मानव-सेवा का पक्षधर है। हिन्दू धर्म का तो मूलमंत्र ही है-“सेवा परमोधर्मः।” इसी भावना से प्रेरित होकर स्विट्जरलैण्ड के निवासी जॉन हेनरी दूनां ने ‘रेडक्रॉस’ नामक संस्था की स्थापना की थी। आज रेडक्रॉस एक अन्तर्राष्ट्रीय संस्था हो गई है, जो मानवता के आधार पर लोग की सहायता कर रही है। युद्ध एवं प्राकृतिक आपदा जैसे-महामारी, बाढ़, सूखा आदि अवसरों पर पीड़ित मानवता की सेवा करना ही ‘रेडक्रॉस’ का मूल उद्देश्य है। रेडक्रॉस संस्था की स्थापना के पीछे एक ऐतिहासिक घटना है। सन् 1859 ई. में फ्रांस और आस्ट्रेलिया के बीच घमासान युद्ध हुआ था जिस युद्ध में दोनों और से काफी सैनिक हताहत हुए। घायल सैनिक दर्द एवं पीड़ा से कराह रहे थे। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था। घायल सैनिकों की चीख-पुकार कारुणिक दृश्य उपस्थित कर रही थी। इस कारुणिक दृश्य को देखकर जॉन हेनरी दूनां का हृदय द्रवित हो गया ।
कुछ लोगों को एकत्रित कर दूनां तन-मन-धन से घायलों की सेवा सुश्रूषा में जुट गए!
उनके अथक परिश्रम तथा प्रयासों की वजह से अनगिनत लोग मौत के मुँह में जाने से बचा लिए गए। इसके बाद जॉन हेनरी ने दुनिया के लोगों को समझाया कि पीड़ित मानव किसी जाति, धर्म एवं सम्प्रदाय का नहीं होता । अतः हम लोगों को जाति, धर्म सम्प्रदाय एवं क्षेत्रीयता की भावना से ऊपर उठकर पीड़ितों की सेवा करनी चाहिए। सर दूनां के इस विचार से प्रभावित होकर 8 मई 1869 ई. जेनेवा में 14 देशों ने मिलकर रेडक्रॉस की स्थापना की जिसका मुख्यालय जेनेवा में है। रेडक्रॉस का अपना एक झण्डा भी होता है। यह सफेद रंग का होता है; जिस पर लाल रंग का क्रॉस अंकित रहता है। यह झण्डा पीड़ित मानवता की सेवा का प्रतीक है। संस्था के लिए निधि की व्यवस्था चन्दे से की जाती है।
आज सम्पूर्ण विश्व में रेडक्रॉस का विस्तार हो चुका है। भारत में सन् 1910 ई. में रेडक्रॉस की स्थापना हुई। भारतीय रेडक्रॉस का मुख्यालय दिल्ली में है और हर राज्य के मुख्यालय में भी इसकी शाखा कार्यरत है। हमारे देश में हर जिले के कलक्टर जिला स्तर पर इसके संरक्षक होते है। जमीन की खरीद-बिक्री, बन्दूक इत्यादि का लाइसेंस देने में एवं अन्य कार्यों में कलक्टर द्वारा इस संस्था हेतु चन्दा लिया जाता है।
रेडक्रॉस संस्था युद्धकाल में लड़ने वाले देशों के बीच मानवता के दूत का कार्य करती है। युद्धभूमि में यह घायलों की सेवा हेतु उपस्थित हो जाती है। इनके बीच बिना किसी भेद-भाव के दवाइयां रक्त एवं कृत्रिम अंग इत्यादि वितरित करती है। शान्तिकाल में रेडक्रॉस प्राथमिक चिकित्सा, शिशु की देखभाल, चिकित्सा केन्द्र का निर्माण एवं रक्तदान केन्द्र आदि की स्थापना के माध्यम से मानवता की सेवा करती है। पैर से विकलांगों के लिए हस्तचालित रिक्शों की व्यवस्था करती है। कुष्ठ रोगियों के लिए दवा-दारू, सेवा-सुश्रूषा एवं आवास की व्यवस्था भी इस संस्था के माध्यम से की जाती है! सन् 1973 ई. में बंगलादेश से भारत आए शरणार्थियों के लिए भारतीय रेडक्रॉस द्वारा किया गया कार्य सराहनीय था ।
इस प्रकार रेडक्रॉस एक पुनीत कार्य में लगा हुआ है। हमें तन-मन-धन से इस संस्था की मदद करनी चाहिए। रेडक्रॉस का झण्डा हवा में फहराता हुआ संदेश देता है- ‘पीड़ित मानवता की सेवा ही हमारा धर्म है।’