Nagrik Suraksha Diwas – 6 December “नागरिक सुरक्षा दिवस – 6 दिसम्बर” Hindi Nibandh, Essay for Class 9, 10 and 12 Students.
नागरिक सुरक्षा दिवस – 6 दिसम्बर
(Nagrik Suraksha Diwas – 6 December)
प्रतिवर्ष 06 दिसम्बर को सारे देश में नागरिक सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।
नागरिक सुरक्षा का महत्त्व (importance of civil defense)
आज के वैज्ञानिक युग में समस्त देशों के मध्य अणु होड़ चल रही है। समस्त देश अपनी सैन्य-शक्ति बढ़ाने में लगे हुए हैं, पड़ौसी देश परस्पर दोस्ती दिखाते हुए एक-दूसरे के प्रति मौन रूप से आघात लगाए हुए हैं; ऐसी दशा में नागरिक सुरक्षा जैसे विषय की आवश्यकता एवं महत्त्व अपरिहार्य हो जाता है। नागरिक सुरक्षा एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके अन्तर्गत समाज, राज्य या देश के समस्त नागरिक एक क्षेत्रीय बल संगठित कर विभिन्न आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा हेतु सोचते हैं तथा तत्कालीन कार्य करते हैं। नागरिक सुरक्षा के अन्तर्गत हम उन पहलुओं पर विचार करते हैं जो बाह्य या आन्तरिक दुर्घटनाओं से बचाव के विषय होते हैं। इनमें मुख्य विषय आग, पानी (बाढ़ तथा दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र) तथा युद्धकाल में हवाई हमले से बचाव के कार्य हैं।
नागरिक सुरक्षा का अर्थ (meaning of civil defense)
नागरिक सुरक्षा संगठन नागरिकों का ही संगठन होता है। यह संगठन युद्ध काल में नागरिकों की रक्षा करता है। नागरिक सुरक्षा की परिभाषा निम्न प्रकार से दी जाती है- “नागरिक सुरक्षा संगठन नागरिकों द्वारा नागरिकों की रक्षा के लिए नागरिकों द्वारा बनाया गया संगठन होता है।”
नागरिक सुरक्षा संगठन की स्थापना (Establishment of Civil Defense Organization)
इस संगठन की स्थापना 1942 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान ए.आर.पी. नामक संस्था के रूप में की गई थी। 1947 में इस संगठन की कोई आवश्यकता न होने के कारण इसे समाप्त कर दिया गया। 1962 में चीन द्वारा हमारे देश पर आक्रमण किया गया, तब हमारे देश की सरकार को इस संगठन की महत्ता का अनुभव हुआ। सरकार ने उस समय निर्णय लिया कि इस संगठन को स्थायी रूप से चलाया जाना चाहिए। उस समय से यह नागरिक सुरक्षा संगठन के नाम से कार्य कर रहा है।
नागरिक सुरक्षा का महत्त्व एवं सिद्धान्त (Importance and principles of civil defense)
संसार के लगभग सभी देशों में नागरिक सुरक्षा का कुशल संगठन पाया जाता है। ऐसा न हो कि दुश्मन के किसी अप्रत्याशित हमले के समय वे बेखबरी के शिकार हो जाएँ। आधुनिक लड़ाइयों में एक देश की ताकत केवल लड़ाई के मैदान में ही नहीं देखी जाती, बल्कि इस बात पर भी बहुत कुछ निर्भर करती है कि देश के नागरिकों के हौसले कितने बुलन्द हैं और देश में सुरक्षा की क्षमता कितनी है? ऐसी स्थिति में नागरिक रक्षा को दृढ़ बनाना हमारे लिए अत्यधिक आवश्यक है।
नागरिक सुरक्षा संगठन नागरिकों का संगठन है। इसका प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि दुश्मनों के हमलों के परिणामस्वरूप जो जान-माल का नुकसान होता है उसके असर को कम-से-कम पड़ने दिया जाए। डाक-तार, जरूरी-सेवाओं तथा जीवन के अन्य पहलुओं को जल्दी से जल्दी सामान्य किया जाए।
नागरिक सुरक्षा संगठन : केन्द्र, राज्य तथा जिला स्तर पर
- केन्द्र स्तर पर — केन्द्र स्तर पर आधुनिक सुरक्षा संगठन का मुख्य गृह मंत्रालय का अधिकारी होता है।
- राज्य स्तर पर — राज्य स्तर पर इसके अधिकार निदेशक नागरिक सुरक्षा के पास होते हैं। इसका सहयोगी असि. डिप्टी डाइरेक्टर होम गार्ड्स एवं सिविल डिफेन्स होता है।
- जिला स्तर पर – जिला स्तर पर नागरिक सुरक्षा का मुख्य अधिकारी नागरिक सुरक्षा नियंत्रक होता है जिसके अधिकार डी.एम. की भाँति होते हैं। यह नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष में बैठता है। इसकी सहायता के लिए डिप्टी कंट्रोलर तथा ए.डी.एम. सिविल डिफेन्स की नियुक्ति की जाती है। 4. डिविजनल स्तर या प्रभाग स्तर पर इसमें दो आफिसर इन्चार्ज सिविल डिफेन्स प्रति प्रभाग के होते हैं। एक लिपिक इनकी सहायता के लिए होता है तथा एक सन्देशवाहक भी इनके पास सदैव रहता है। यह सब वैतनिक अधिकारी होते हैं।