Mere Dada Ji “मेरे दादा जी” Complete Hindi Essay, Nibandh for Class 10, 12 and Graduation and other classes.
मेरे दादा जी
मेरे दादाजी सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। वे पैंसठ साल के करीब हैं। वे शक्तिशाली और सेहतमंद हैं। वे शक्तिवान और जागरुक हैं।
वे सुबह नियमित रूप से सैर करने जाते हैं। वे प्रातः पांच बजे उठते हैं और एक घण्टा सैर करते हैं। यही उन के अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य है।
वे स्वच्छता को पसंद करते हैं। हमेशा साफ-सुथरे रहते हैं। नहाने के बाद वे आधा घण्टा पूजा करते हैं। उन्हें समाचारपत्र पढ़ने की आदत है। वे स्नातकोत्तर हैं। वे मेरी पढ़ाई में मेरी सहायता करते हैं। मुझे वे अच्छे गुणों के कारण पसंद हैं। वे अपनी सेना के जीवन की कहानियाँ मुझे सुनाते हैं। मुझे वे सुनना बहुत अच्छा लगता है।
और सहानुभूतिपूर्ण भी हैं। वे गरीबों और जरुरतमंदों की वे दयालु मदद करते हैं। हमारे पड़ोसी भी उनसे प्रेम करते हैं और उनका आदर करते हैं। वे जरुरी विषयों पर उनकी सलाह लेने आते हैं। जब भी कोई पड़ोसी बीमार पड़ता है तो वे उसे देखने जाते हैं।
वे सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करते हैं। वे सच्चे देशभक्त हैं। उनके लिए देश पहले, परिवार और स्वयं बाद में हैं। वे किताबें पढ़ने के शैकीन हैं। वे दिल्ली पब्लिक पुस्तकालय में जाते हैं। वे एक धार्मिक व्यक्ति भी हैं। वे घर में किसी को कभी भी परेशान नहीं करते। वे अपना अधिकतर कार्य स्वयं करते हैं। वे कभी गुस्सा नहीं करते हैं। मैंने कभी भी उनको गन्दी भाषा इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा।
वे वैसे व्यक्ति हैं जिनकी मैं सबसे अधिक इज्जत करता हूँ और जिन से प्रेम करता हूँ। वे मज़ाकिया भी हैं। कभी-कभी वे मजाकिया चुटकुले छोड़ते हैं जिनका हम सब आनन्द लेते हैं। हर कोई उनका संग पसन्द करता है। ईश्वर उनकी आयु लम्बी करे।