Hindi Letter on “Prakratik Aapada ke beech Army ki Prashansaniya bhumika par Sampadak ko patra”, “प्राकृतिक आपदा के बीच सेना की प्रशंसनीय भूमिका पर संपादक को पत्र ” ।
प्राकृतिक आपदा के बीच सेना की प्रशंसनीय भूमिका पर संपादक को पत्र ।
परीक्षा भवन
दिनांक….
सेवा में,
दैनिक हिन्दुस्तान
कस्तूरबा गांधी मार्ग
नई दिल्ली।
विषय–प्राकृतिक आपदा के बीच सेना की प्रशंसनीय भूमिका पर संपादक को पत्र
महोदय।
मैं आपका ध्यान पिछले महीने आई गढ़गंगा की बाढ़ की ओर आकर्षित कराना चाहता हूँ। अचानक आई इस बाद ने जन-जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। रात को आई इस बाढ़ से लोगों को अपना जीवन बचाने के लिए घर की छतों पर आना पड़ा। घर-हाट का संपर्क टूट गया। प्रशासन ने जी-जान से बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने की कोशिश की पर नाकाम रही। ऐसे में इस क्षत्र का सना के हवाले कर दिया। सेना ने तत्काल मोर्चा संभाल लिया। पहले तो जलशोषक उपकरणों से बाद पर नियंत्रण पाया। इसके बाद घर में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू किया। उन्होंने अपने आपको जोखिम में डालकर लोगों को निकाला। हर तरह के लोगों के प्रति उनका ध्यान था। बीमारों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया। बूढे और बच्चों को तत्काल मदद दी। उनके लिए भोजन व दवाओं का इंतजाम किया। सेना तीन दिन तक इस क्षेत्र में रही। जब सब सामान्य हो गया तब वहाँ से प्रस्थान किया। मुझे भारतीय सेना पर गर्व है जो सरहद पर ही नहीं अपितु देश के भीतर भी अपनी अच्छी जिम्मेदारी नहीं निभाती है।
भवदीय
गुलशन राय