Hindi Letter Pitaji ko apni Mumbai yatra ka varnan karte hue patra”, “पिता को अपनी मुंबई यात्रा का वर्णन करते हुए पत्र” for Class 9, 10 and 12.
पिता को अपनी मुंबई यात्रा का वर्णन करते हुए पत्र।
जुहू बीच होटल
विले पार्ले
मुंबई
29 दिसंबर, 20….
पूज्य पिता जी सादर प्रणाम।
हम कल प्रातः राजधानी एक्सप्रेस से मुंबई सकशल पहँच गए थे। अभी हम चौपाटी और गेट-वे ऑफ इंडिया घूमकर आए हैं। होटल वापस लौटकर मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूँ। मुंबई को मैंने पहली बार देखा है। अब तक तो मैं इसे सिनेमा में ही देखता आया था। हम छात्रों की बस अनेक जगहों से होकर निकली। कितने ही स्थान मुझे परिचित से लगे। मैंने इन्हें पर्दे पर देखा होगा।
मैंने आज समुद्र भी पहली बार देखा है। कैसी बड़ी-बड़ी लहरें बार-बार आकर तट से टकराती हैं। अंतरिक्ष तक फैला हुआ जल-ही-जल, उसमें तैरते हए जहाज़ और नौकाएँ खिलौनों जैसी प्रतीत होती हैं। चौपाटी पर हमने भेलपूरी खाई और नारियल का पानी पीया। कितनी भीड़ थी चौपाटी पर। ऐसा लगता था कि पूरी मुंबई ही यहाँ उतर आई है। समुद्र के किनारे खड़े होकर सूर्य का डूबना भी मैंने देखा। कल हम लोग एलीफेंटा जाएंगे।
उसके बाद हम महाबलेश्वर जाएँगे। यह मुंबई का हिल स्टेशन है। यहाँ का मौसम बहुत अच्छा है। न अधिक सरदी न ही गरमी। समय कैसे बीत रहा है पता ही नहीं चल रहा। मैं यहाँ से आप सभी के लिए छोटे-छोटे तोहफे लाने की सोच रहा हूँ।
आप और माता जी मेरी बिल्कल चिंता न करें. हमारे अध्यापक हम सभी की अच्छी तरह देखभाल कर रहे हैं। खाने-पीने का बहुत ही अच्छा प्रबंध है। मैंने इस यात्रा में बहुत अच्छे अनुभव प्राप्त किए हैं। उनके विषय में मैं आपको आकर बताऊँगा।
माता जी को सादर प्रणाम और भैया को प्यार।
आपका प्रिय पुत्र
गौरव