Hindi Letter “Gaon me Hospital kholne ka sujhav dete hue sampadak ko patra”, “गाँवों में अस्पताल खोलने का सुझाव देते हुए संपादक को पत्र”
गाँवों में अस्पताल खोलने का सुझाव देते हुए संपादक को पत्र
परीक्षा भवन
दिनांक…….
सेवा में,
कार्यकारी संपादक,
राजस्थान पत्रिका,
जयपुर,
विषय : गाँवों में अस्पताल खोलने का सुझाव
महोदय,
मैं आपका ध्यान श्रीगंगा नगर से तीस-चालीस किलोमीटर बसे कुछ गाँवों की ओर दिलाना चाहता हूँ। मैं एक एन.जी.ओ.की ओर से नियुक्त होकर सर्वे के लिए जब इन गाँवों में पहुंचा तो देखा यहाँ के अधिकांश गाँवों में चिकित्सा सुविधाएँ न के बराबर हैं। उनसे पता चला कि मामूली बीमारी होने पर भी ग्रामीणों को चिकित्सा के लिए श्रीगंगानगर जाना पड़ता है। दुख की बात यह भी है कि यहाँ केवल एक बस सुबह और दूसरी शाम को जाती है। इन बसों में इतनी भीड़ होती है कि रोगी को शहर नहीं ले जाया जा सकता। चौंकाने वाली बात यह है कि इन गाँवों में लगभग सत्तर प्रतिशत लोगों को सूखे का रोग है। अधिकतर लोग पेट के रोगों से पीड़ित हैं। इन क्षेत्रों में तत्काल कम से कम तीन चिकित्सालय खोलने की आवश्यकता है। ये चिकित्सालय ऐसे होने चाहिए जिनमें असाध्य रोगों की जाँच व उनका पूर्ण निदान संभव हो। आशा है कि आप प्रशासन का ध्यान इस ओर अवश्य आकृष्ट करेंगे।
भवदीय,
मोलीचंद शर्मा,
जयपुर, राजस्थान।