Hindi Letter “Durghatnagrast mitra ko Santwana dete hue patra”, “दुर्घटनाग्रस्त मित्र को सांत्वना देते हुए पत्र” for Class 9, 10 and 12 Students.
अस्पताल में दाखिल हुए अपने दुर्घटनाग्रस्त मित्र को सांत्वना देते हुए पत्र।
14/123, शक्तिनगर
दिल्ली
6 नवंबर, 20….
प्रिय आकाश
सप्रेम नमस्ते
कल तुम्हारे पिता जी के पत्र द्वारा विदित हुआ कि तुम पिछले हफ्ते एक सड़क दुर्घटना में घायल होने के कारण अस्पताल में दाखिल हो। इस समाचार को पढ़कर केवल मैं ही नहीं मेरा पूरा परिवार दु:खी हुआ। लेकिन इस बात ने बड़ी तसल्ली दी कि तुम्हें अधिक चोट नहीं आई है। ट्रक ने तुम्हें पीछे से आकर उछाल दिया। यह मामूली घटना नहीं है। भगवान का तुम पर बहुत बड़ा आशीर्वाद था कि तुम्हारा सिर किसी पत्थर से नहीं टकराया।
तुम्हारे हाथ की हड्डी टूटी है तो एक-दो माह में ठीक हो जाएगी। लेकिन मन में बैठी दहशत को तो तुम्हें खुद ही मिटाना होगा। जीवन में जब परेशानियाँ आती हैं तो ईश्वर उन्हें झेलने का साहस अपने आप दे देता है। अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखना। डॉक्टर जब तक आराम करने को कहे, अवश्य करना। पढ़ाई की चिंता बिल्कुल मत करना। तुम जैसे मेधावी एवं परिश्रमी छात्र कुछ ही दिनों में सब कमी पूरी कर लेते हैं। फिर लंबे समय की बात तो है नहीं। इस समय केवल तुम्हें अपने धैर्य और साहस का परिचय देना है। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम इस विपत्ति का सामना साहस के साथ करोगे। मेरे माता-पिता की ओर से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभाशीर्वाद। मैं जल्दी ही तुमसे मिलने अस्पताल में आऊँगा।
तुम्हारा अभिन्न मित्र
मणि