Hindi Essay on “Vigyapan Ki Duniya”, “विज्ञापन की दुनिया” Complete Paragraph, Nibandh for Students
विज्ञापन की दुनिया
Vigyapan Ki Duniya
संकेत बिंदु –विज्ञापन से तात्पर्य –विज्ञापन के विविध रूप –विज्ञापनों से लाभ –हानियाँ
आज का गुग विज्ञापन का युग है। जिधर देखिए उधर विज्ञापन ही विज्ञापन दिखाई देते हैं। चाहे दूरदर्शन के कार्यक्रम हों, पत्र-पत्रिकाएँ हो, शहर की ऊँची-ऊंची दीवारें हों, बाजार हों या गलियाँ हों- सर्वत्र विज्ञापन नजर आते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ एवं उत्पादक अपने उत्पादनों को प्रचारित करने के लिए भाँति-भांति के विज्ञापनों का सहारा लेते हैं। विज्ञापनों के अभाव में कोई भी वस्तु बाजार में टिक नहीं पाती है। विज्ञापनों पर करोड़ों रुपए व्यय किए जाते हैं। विज्ञापनों के लिए बड़े-बड़े फिल्मी सितारों, खिलाड़ियों एवं अन्य क्षेत्रों के प्रसिद्ध व्यक्तियों का आश्रय लिया जाता है। विज्ञापनों को देखकर ही हमें नई-नई वस्तुओं के बारे में पता चल पाता है। इन्हें देखकर हमें वस्तुओं के सही चुनाव में मदद मिलती है। हाँ, कई विज्ञापनों में वस्तु की गुणवत्ता बहुत बढ़ा-चढ़ाकर बताई जाती है। कई विज्ञापन हास्यास्पद एवं प्रामक भी होते हैं। अब तो एक वस्तु दूसरी वस्तु का विज्ञापन बनकर रह गई है। एक वस्तु खरीदो तो दूसरी वस्तु मुफ्त में दी जाती है ताकि उसका विज्ञापन हो सके। कुछ विज्ञापनों में स्त्री को अश्लील रूप में दर्शाया जाता है, जिसे कतई सही नहीं कहा जा सकता।
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