Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Vincent van Gogh” , ”वान गॉग” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
वान गॉग
Vincent van Gogh
हालैंड: जो मरणोपरांत शीर्ष कलाकार बना
जन्म : 1853 मत्यु 1890
वान गाँग के समान दुर्भाग्यशाली चित्रकार शायद ही कोई रहा हो। जिस प्रकार सिनेमा की खोज करने वाला विलियम फ्रीज ग्रीन अभावों में परलोक सिधारा था, वान गाँग की भी वही दशा रही। कई सौ चित्र बनाने वाला यह महान कलाकार अपने पूरे जीवन में मात्र एक चित्र बेच सका। अभी कुछ समय पूर्व जब उसकी एक कति ‘सन् फ्लावर’ ने लाखों डालर में बिककर एक नया कीर्तिमान बनाया, तब लोगों को मालूम हुआ कि इस दुनिया में वान गॉग नामक कोई कलाकार हुआ था। वान गॉग का स्थान रेम्ब्रा के बाद आता है।
विसेट वान गॉग का जन्म 30 मार्च, 1853 को हालैंड में एक पादरी के यहां हुआ था। बड़े होने पर वह कला व्यापार से जड़ा। इस दौरान हेग, लंदन और पेरिस में भी उसने काम किया, परंतु सन् 1874 में एक अंग्रेज लड़की से असफल प्रेम के कारण वह जिंदगी से काफी निराश हो गया। उसकी यह निराशा सन् 1880 तक चलती रही। उसके बाद वह कभी ब्रुसेल्स अकादमी, तो कभी डच किसानों के बीच काम में डूबा रहा। आखिरकार उसने जीवन के भटकाव, यूँत्रणा एवं असफलताओं से तंग आकर 27 जुलाई, 1890 को गोली मार ली, जिसके दो दिन बाद 37 वर्ष की अवस्था में उसकी मृत्यु हो गई।
अपने जीवन के अंतिम छः वर्षों में वान गॉग ने 700 रेखाचित्र एवं 800 तेल चित्र बनाकर अपनी अद्भुत प्रतिभा का परिचय दिया था। वैसे, वह आजीवन चित्रकारी करता रहा, किंतु उसे सिवाय विपन्नताओं एवं मानसिक कंठाओं के कुछ नहीं मिला।
वान गॉग ने सन् 1888 में गॉगविन के साथ अर्लेस में काम शरू किया. किंत जल्दी ही दोनों में तनाव बढ़ गया। इससे क्रिसमस के दिन वान गॉग ने अपना एक कान काट लिया। बाद में उसने कान पर पट्टी बंधे हुए स्वयूँ का एक चित्र बनाया. पर उसे मानसिक संतोष कभी नहीं मिल सका।
वान गॉग ने अपने अधिकांश चित्रों को भडकीले रंगों से बनाया है। जनवरी, 1889 में उन्हान दक्षिण फ्रांस की यात्रा के समय सरजमखी के फल के सात चित्र बनाए थे, जिनमें स एक को 30 मार्च, 1987 को लंदन की क्राइस्टी संस्था द्वारा 2.475 करोड़ पाड 50 करोड़ रु.) में बेचा गया। इसे आज तक की सबसे बड़ी नीलामी राशि माना गया भी वान गॉग के चित्र लाखों डॉलर में नीलाम होते हैं।