Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Tajmahal – Vishav ka Ashcharya ”, “ताजमहल – विश्व का आश्चर्य” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
ताजमहल – विश्व का आश्चर्य
Tajmahal – Vishav ka Ashcharya
भारत एक ऐसा गौरवशाली देश है जिसने अपने में कई उपलब्धियों को समेट रखा है। सारे विश्व में जो किसी को नहीं मिल सकता वह केवल भारत में ही मिल सकता है। भारत के पास कई ऐसे रत्न हैं जिसका मोल शायद ही कोई लगा सके।
विश्व के महान आश्चर्यों में से एक है ताजमहल। यह विश्व में अपनी अभूतपूर्व कलाकृति के लिए जाना जाता है।
ताजमहल का निर्माण आगरा में यमुना नदी के तट पर अपनी पत्नी की याद में तत्कालीन मुगल सम्राट शाहजहाँ ने सन् 1654 ई. में बनवाया था। इतिहास में लिखा है कि इसे बनाने में लगभग 22 वर्ष का समय लगा जिसे 20,000 कारीगरों ने बनाया था और उस समय लगभग 3 करोड़ का खर्च आया था।
कहा यह भी जाता है कि जैसे ही ताजमहल का निर्माण कार्य सफल हुआ, शाहजहाँ ने उसे बनाने वाले कारीगरों को कतार में खड़ा कर सबके हाथ काट डाले ताकि इस तरह की अद्वितीय कला का नमूना कहीं और न बन सके।
इसका निर्माण सफेद संगमरमर के पत्थरों से कराया गया। ये पत्थर नागौर के मकराने से विशेष रूप से मंगवाए गए। इसमें जो लाल रंग के पत्थर लगे हैं, वे धौलपुर और फतेहपुर सीकरी से मंगवाए गए थे। पीले और काले पत्थर नरबाद और चारकोह से आए थे। साथ ही इसमें जो कीमती पत्थर व सोने-चाँदी का जो इस्तेमाल हुआ है, वह पूरे देशों के सम्राटों से प्राप्त किया हुआ है।
अगर हमें ताजमहल का वास्तविक रूप देखना है तो हमें चाँदनी रात का इंतजार करना होगा, क्योंकि उसे रात वह अन्य रातों के मुकाबले अत्याधिक सुन्दर लगता है। ताजमहल के मुख्य भवन के बाहर बहुत ऊंचा और सुंदर दरवाजा है, जिसे बुलंद दरवाजा कहते हैं। इसे बनाने के लिए लाल रंग के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। इसके भीतर प्रवेश करने के लिए उन दरवाजों से प्रवेश करना पड़ता है जिस पर कुरान-शरीफ की आयतें लिखी गयी हैं। आगे पहुँचने पर भव्य उद्यान के बीचों-बीच ताजमहल का मुख्य द्वार है। बीचोंबीच एक सुंदर झील भी है। जो इसकी शोभा में चार चाँद लगाती है।
कहा जाता है कि शरद् पूर्णिमा की रात ताजमहल के पत्थरों का रंग अपनेआप बदल जाता है। सभी लाल और हरे रंग के पत्थर इस रात को हीरे की तरह चमकने लगते हैं।
अब तक ताजमहल अपने 358 वर्ष पूरे कर चुका है। जब ताजमहल सन् 2004 में अपने 350 वर्ष पूरे कर चुका था तो उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे वर्ष विभिन्न तरह के आयोजनों द्वारा अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए उस वर्ष को ताज महोत्सव का नाम दिया।
दर्शकों का सम्मान करते हुए सर्वोच्चन्यायालय द्वारा ताजमहल के रात्रिकालीन दर्शन पर जो प्रतिबंध लगा था उसे हटा लिया गया है।
ताजमहल अपने सौंदर्य, प्रेम और आश्चर्य के कारण आज विश्वभर में जाना जाता है, इसकी एक झलक पाने लोग हजारों-लाखों मील दूर से आते हैं।