Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Samay Nishtha”, ”समयनिष्ठा” Complete Hindi Anuched for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes
समयनिष्ठा
Samay Nishtha
समय का सदुपयोग का ही नाम समयनिष्ठा है। इसी के पालन द्वारा मानव अपने । जीवन को सफल बना सकता है। इससे उसके जीवन के अमूल्य क्षण नष्ट होने से बच जाते हैं। विद्यार्थियों के लिए यह सफलता की कुंजी है। इसके पुजारी होने से वे नियमित रूप से अध्ययन करते हैं। ठीक समय पर विद्यालय में पहुँचते हैं। उन्हें परीक्षा के अवसर पर अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता है। अध्ययन के बाद वे कोई व्यवसाय, व्यापार अथवा नौकरी करते हैं, तो उनमें भी वे समयनिष्ठ होने के कारण उन्नति कर सकते हैं, अन्यथा नहीं। आप डॉक्टर, वकील आदि के व्यवसाय को ले लीजिए। यदि डॉक्टर ठीक समय पर अपना औषधालय न खोले, तो रोगी दूसरे की शरण में चले जाते हैं या बेचारे ददा की राह में ही अपने प्राणों को गँवा देते हैं। इससे धन और यश की क्षति उठानी पड़ती है। यही हाल वकील साहब का है, यदि वे समय पर अपने कमरे में न बैठे या समय पर कचहरी में न पहुँचें, तो इनकी गति भी डॉक्टर साहब जैसी ही हो जायगी। व्यापारी भी समयनिष्ठ बनकर ही अपने व्यापार को उन्नत कर सकता है; क्योंकि लक्ष्मी भी उसका तब तक साथ देती है, जब तक वह अपनी दुकान को ठीक समय पर खोलता और बन्द करता है।
नौकरी में तो समय की पाबन्दी न करने से मालिक या अफसर नाराज हो जाते हैं और तंग आकर उसे नौकरी से निकाल देते हैं। उसकी इस गन्दी आदत का दण्ड बेचारे उसके अबोध बच्चों पर पड़ता है जो कि भूख की अग्नि में अकाल ही झुलसते हैं। अतः प्रत्येक को समयनिष्ठ होना चाहिए।
समयनिष्ठा मानव-जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। इसके पुजारी के पास कभी भी समय का अभाव नहीं रहता है। उसके सारे काम ठीक समय पर स्थिर चित्त से पूर्ण हो जाते हैं। वह समाज का सच्चा सेवक और जन विश्वासी बन जाता है। जो मनुष्य इसके महत्त्व को नहीं समझते हैं, वे कभी भी अपने जीवन को सुखमय नहीं बना सकते हैं। अतः अभिभावकों का घर पर और शिक्षकों का शिक्षा-स्थानों पर यह कर्त्तव्य है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि उनके बच्चे दीर्घ-सूत्री और आलसी न बनें।
समयनिष्ठा का मूल्य नहीं आंका जा सकता है; क्योंकि यह मानव की विवेक शक्ति का द्योतक है। अतः प्रत्येक विवेकशील व्यक्ति समयनिष्ठा का पुजारी होगा।