Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Pehle Aatma Phir Parmatma” , ”पहले आत्मा, फिर परमात्मा” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
पहले आत्मा, फिर परमात्मा
Pehle Aatma Phir Parmatma
इसका अर्थ यह है कि सबसे पहले हमें अपने परिवार की सहायता करनी चाहिए। दूसरे उसके बाद आते हैं। बच्चे को सबसे पहले अपनी चीज़े भाई-बहनों के साथ बाँटनी सीखनी चाहिए। जो व्यक्ति सदा स्वयं के बारे में सोचता है तथा घर वालों की सहायता नहीं करता उस व्यक्ति को समाज में अच्छा नहीं समझा जाता। जो व्यक्ति दूसरों की खुशी के लिए अपने शौक का बलिदान नहीं कर सकता वह एक अच्छा नागरिक नहीं कहलाता। उसे मतलबी समझा जाता है। सहायता करने का पहला पाठ घर से शुरू होता है। एक व्यक्ति बलिदान, सहायता तथा प्रेम का पहला पाठ अपने घर से ही सीखता है। वह छोटे-छोटे बलिदान करना सीखता है। माता-पिता तथा बहन-भाई की सेवा करते-करते एक व्यक्ति अपने बीबी-बच्चों के प्रति फों को नहीं भूल सकता। आज के समाज में बड़े-बड़े बलिदानों की आवश्यकता है। बहुत से देश कई प्रकार की कमियों से गुजर रहे हैं। भुखमरी जगह-जगह फैली हुई है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने देश के लोगों के लिए दान-पुण्य करते रहना चाहिए।