Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Omar Khayyam” , ”उमर खय्याम” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
उमर खय्याम
Omar Khayyam
फारस : अरबी का सुप्रसिद्ध कवि
जन्म : 1049 मृत्यु : 1123
जिस समय यूरोप अज्ञान के अंधकार में डबा हुआ था, उस समय मुस्लिम संसार गणित, बीजगणित और खगोल शास्त्र में काफी उन्नति कर चका था। सामान्य लोग उमर खय्याम के संबंध में यही जानते हैं कि वह अरबी का एक अच्छा कवि था, परंतु वह गणित का महान विद्वान भी था। उसने अरबी में बीजगणित के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया। उसने महीनों के दिनों की गणना करके सुल्तान मलिक शाह के लिए कैलेंडर की रचना की। उस समय सल्तान ने उसे अपने दरबार में खगोल शास्त्री के रूप में नियुक्त कर लिया।
उमर खय्याम का जन्म परशिया में निशापुर नामक स्थान के निकट हुआ था। खय्याम का अर्थ ‘तंबू बनाने वाला’ होता है। इसलिए अनुमान लगाया जा सकता है कि उनका पुश्तैनी पेशा तंबू बनाना रहा होगा। पश्चिमी संसार में उमर खय्याम की प्रसिद्धि चार पंक्तियों वाली कविता के कारण है, जिन्हें रूबाइयों के नाम से जाना जाता है। उन रूबाइयों का अनुवाद अंग्रेजी के अतिरिक्त अनेक भाषाओं में हो चुका है। उनकी रूबाइयों से यह स्पष्ट है कि वह धार्मिक तथा मानसिक दासता से मुक्त थे। उनके विचार बहुत उदार थे। उन्होंने प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन तो किया ही है, परंतु उनकी रूबाइयां प्रेम और शराब की भी प्रशंसा में हैं। संभवतः इनका उपयोग प्रतीक के रूप किया गया हो। उनकी अनेक रूबाइयों से निराशा भी छलकती है। उनकी रूबाइयों में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिनमें उन्होंने मानव को इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वह भविष्य की चिंता न करके वर्तमान का पूरा सुख लूटे। उमर खय्याम बारहवीं शताब्दी के उन महान व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने संसार को बहुत कुछ दिया।