Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Mobile Phone ke Phayade evm Nuksan”, “मोबाइल फोन : फायदे व नुकसान” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मोबाइल फोन : फायदे व नुकसान
Mobile Phone ke Phayade evm Nuksan
किसी ने सच ही कहा है कि मानव क्या नहीं कर सकता। आज से कुछ वर्ष। पूर्व किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि हर एक कि जेब में फोन होगा। हमारी टैक्नोलॉजी इतनी तेजी से आगे बढ़ रही है कि मानों पलक झपकते ही विज्ञान का। एक नया अद्भुत वरदान हमारे सामने होता है। यहाँ हर क्षण कुछ न कुछ अविष्कारहोते रहते हैं, जिनके कुछ लाभ व हानि दोनों ही होते हैं क्योंकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं।
सेलफोन, मोबाइल फोन भी ऐसा ही एक वरदान है जो केवल कुछ के लिए नहीं अपितु सभी के लिए है। अमीर वर्ग हो या गरीब वर्ग, बुजुर्ग हो या बच्चा, लड़का हो या लड़की। सबके हाथ में यह समान रूप से आज के समय शोभा पाताहै। जैसे कि हम पहले कह चुके हैं कि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। मोबाइल के भी कई फायदे हैं और नुकसान भी।
जैसे अगर आप को कहीं देर हो रही हो, आप झट से फोन द्वारा सूचित कर सकते हैं जहाँ यह फायदा है, वहीं अब आपकी कोई पर्सनल लाइफ नहीं रह जाती यह नुकसान है।
जैसे कि श्री धीरुभाई अंबानी जी ने कहा था- कर लो दुनियाँ मुट्ठी में। यह सच हुआ। आज के युग का मोबाइल सिर्फ आपके द्वारा बात करने के प्रयोग में न आकर और भी कई सुविधाओं के साथ आपके गुलाम के रूप में हाजिर है। इसे आप एक एड्रेस बुक, केलकुलेटर, खेल, इंटरनेट, ई-मेल आदि के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं।
अगर आप मोबाइल का इस्तेमाल करने लग जाएँ तो आपकी सारी दुनिया उस तक सीमित हो जाएगी, आप घर बैठे ही सारी दुनियाँ की खोज खबर रख सकते हैं।
आज के इस मेहंगे युग में एस.एम.एस. सबसे अधिक सस्ता साधन है, देश-विदेश कहीं भी भेजिए और तुरंत आपको पता चल भी जाएगा कि वह अपने गंतव्य तक पहुँचा भी या नहीं।
विदेश में रहने वाले संबंधियों से बात करने का मन है, तो सस्ते कॉल दरों का लाभ उठा सकते हैं।
इस निबंध में अगर हम सिर्फ मोबाइल की बात करें और उसके अंदर मौजूद सीम या सरर्विस प्रोवाइडर की बात न करें तो यह ठीक नहीं होगा। क्योंकि उसके बिना हमारा हजारों, लाखों का मोबाइल सिर्फ एक खिलौना या डिब्बे के सामान होगा। हम इसे यह भी कह सकते हैं कि जैसे आत्मा बिना शरीर।
आज तुलनात्मक के दौर के बाजार में कई सीम या सर्विस प्रोवाइडर हमें मिल जाएँगे जैसे कि एयरटेल, एयरसेल, आइडिया, रिलाइंस, बी.एस.एन.एल. आदि सभी अपने ग्रहकों को लुभाने के लिए सस्ते से सस्ते दर, आकर्षक ऑफर लिए खड़े हैं। उपभोक्ता को चाहिए सही ढंग से जाँच कर ही कोई निर्णय ले।
अगर एक मोबाइल के इतने सारे फायदे हैं तो यह प्रश्न उठता है कि फिर विद्यालय में मोबाइल ले जाने पर हमारे अध्यापक नाराज क्यों होते हैं? इस पर रोक क्यों लगाते हैं? इसका जवाब हम कुछ यूं दे सकते हैं कि इसके जिम्मेदार हम स्वयं हैं। कैसे …
जब हम बिना सोचे-समझे इसका दुरुपयोग करने लगेंगे, जैसे टीचर पड़ा रही है, आपका फोन बजे तो …, आप गाड़ी चला रहे हैं, ट्रैफिक जाम है, अचानक आपका फोन बजे तो…, आप अस्पताल किसी को मिलने गए, अचानक फोन बजने लगे तो…, आप ऑफिस में अपने बॉस या सहकर्मी से किसी विषय पर गंभीरता से वार्तालाप कर रहे हैं, अचानक आपके या आपके सहकर्मी के फोन की घंटी बज जाए तो…, और भी इसी तरह के कई कारण हैं। इसका प्रभाव आप पर तो पड़ेगा ही पर साथ वाले पर भी पड़ेगा।
मोबाइल का सबसे बड़ा दोष तो यही है कि वह यहाँ-वहाँ कहीं भी बज जाता है। इसकी वजह से हम शिष्टाचार भूल चुके हैं। यदि हम मोबाइल का उपयोग भली-भाँति सबके हित में कर सकें तो यह भी अन्य अविष्कारों की तरह हमारे लिए उपयोगी सिद्ध होगा अन्यथा अभिशाप में इसे बदलते देर नहीं लगेगी।