Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Mike Tyson” , ”माइक टायसन्” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
माइक टायसन्
Mike Tyson
अमरीका : मुक्केबाजी
जन्म : 1966
सन् 1985 से विश्व हैवीवेट मुक्केबाजी में एक जबर्दस्त विजेता का उदय हुआ, जिसे ‘दि आयुरन मैन विद ए परफेक्ट बॉडी’ कहा जाता है। इस अत्यंत शक्तिशाली व्यक्ति ने मात्र 20 वर्ष की उम्र में विश्व विजेता बनने का कीर्तिमान कायम किया है। पूर्व विजेता मोहम्मद अली ने अपने 15 वर्षों में जितने पैसे कमाए थे. उतना इसने केवल दो वर्षों में कमा लिया है। यह राशि 50 करोड़ से ऊपर ही है। उसके पास ‘वर्ल्ड बाक्सिग काउंसिल’, ‘वर्ल्ड बाक्सिंग फेडरेशन’ तथा ‘वर्ल्ड बाक्सिग एसोसिएशन’ के विश्व खिताब जमा हो चुके हैं।
फ्रैंक माइक टायसन् का जन्म ब्रकलिन (अमरीका) में 29 जून, 1966 को हुआ था। उसके माता-पिता उसके जन्म के कुछ ही दिनों बाद चल बसे। इससे उसके जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ा और वह ब्रुकलिन के असामाजिक तत्त्वों के हाथ चढ़ गया। उसने बदमाशों के एक दल में शामिल होकर उत्पात मचाना शुरू कर दिया। बदले में उसे हवालात मिली। यहीं से वह एमेटो नामक प्रशिक्षक की प्रेरणा से मुक्केबाजी की ओर आकर्षित हुआ। 11 मार्च, 1985 को एलबिन में मिली पहली विजय ने उसे प्रोत्साहित.किया। परिणामस्वरूप आठ महीने बाद 22 नवंबर, 1985 को उसने ‘ट्रेवर बरबिक’ हैवीवेट खिताब जीत लिया। 7 मार्च, 1987 को जेक्स स्मिथ और इसी वर्ष 2 अगस्त को टोनी टकर भी अपने ‘विश्व खिताब’ छोड़ भागे। 21 मार्च, 1988 को टोनीटब्स को हराने के पूर्व टायसन् 30 मई, 1987 को पिकलॉन थॉमस को भी हरा चका था। यहां तक कि उसके हाथों हारने वालों में लैरी होम्स भी शामिल है। फ्रैंक टायसन् को इतनी ज्यादा कामयाबियां मिल चुकी हैं, फिर भी उसे अपने बीते दिनों का अफसोस आज भी है। सन् 1988 में टायसन् ने माइकल स्फिंक्स को हराकर ‘इंटरनेशल बाक्सिंग फेडरेशन’ का खिताब प्राप्त किया। सन् 1989 में उसने कई प्रतिद्वंद्वियों को हराकर अपने खिताब की रक्षा की, किंतु सन् 1990 में वह पराजित हो गए।