Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mere Sapno ka Bharat”, “मेरे सपनों का भारत” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
मेरे सपनों का भारत
Mere Sapno ka Bharat
Best 5 Essay on ” Mere Sapno ka Bharat”
निबंध नंबर :- 01
मैं भारत का निवासी हूँ। मुझे अपने देश पर गर्व है। मैं अपने सपनों में एक महान देश की कल्पना करता हूँ।
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जिसमें सब देशवासी सुख-शांति से रह सकेंगे। यह भारत प्राचीन गौरवशाली भारत के समान होगा प्राचीनकाल में भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। वर्तमान समय में भारत निर्धनता के दौर से गुजर रहा है। हम विदेशी आर्थिक सहायता पर आश्रित हैं। मैं उस भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें आर्थिक सम्पन्नता हो। हमारा जीवन समृद्ध हो तथा हम किसी देश के सम्मुख हाथ न फैलाएँ।
भारत सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का मार्ग-दर्शक रहा है। हमारे नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालय में विश्वभर से विद्यार्थी पढ़ने आया करते थे। आज हम विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने में गौरव का अनुभव करते हैं। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें हम एक बार पुनः सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व कर सकेंगे। हमारी संस्कृति विश्व की श्रेष्ठ संस्कृति है। हमें अपना महत्व पुनः स्थापित करना होगा।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जो सभी के शोषण से मुक्त होगा। वहाँ न तो पूँजीपति वर्ग किसान-मजदूरों पर शोषण कर पाएगा और न राजनीतिज्ञ आम जनता का। उस भारत में सभी को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध होगें। समानता एवं भ्रातत्व का भाव सभी के हदय में विद्यमान होगा। वर्तमान समय में भारत में अशिक्षा सबसे बड़ा अभिशाप है। इससे छुटकारा पाए बिना भारत उन्नति नहीं कर सकता। मेरे सपनों का भारत पूर्णतः साक्षर होगा। वहाँ सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर होगा। शिक्षा पाकर वे एक जागरूक नागरिक की भाँति जीवन बिताएँगे।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जहाँ साम्प्रदायिक एकता स्थापित होगी। सभी धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग आपस में मिल-जुलकर रह सकेंगे। उस भारत में आतंकवाद का नामोनिशान तक नहीं होगा। सभी निवासी इसे अपना देश समझेगें। लोगों के हदयांे में प्रेंम, करूणा, परोपकार, अहिंसा और सत्य के लिए आदर का भाव होगा।
मेरे सपनों के भारत में कृषि एवं उद्योगों में प्रगति नई दिशाओं को छू रही होगी। यहाँ उत्पादन की गति कभी धीमी नहीं पड़ेगी। लोगों के खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में सुलभ होंगेे और दूध दही की नदियाँ बह रही होंगी। इससे भारतवासियों का स्वास्थय अचदा रह सकेगा।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जहाँ लोकतंत्र की जड़ें गहरे रूप से स्थापित हो चुकी हांेगी। यहां के नागरिक सभी प्रकार सो स्वतंत्रता का उपयोग कर सकेंगे। सभी राजनीतिक दलों को कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
ऐसे भारत की कल्पना करते समय मुझे प्रायः प्रसाद जी की ये पंक्तियाँ स्मरण हो उइती हैः-
वही है रक्त, वहीं है देश, वही साहस वैसा ज्ञान,
वही है शांति, वही है शक्ति, वही हम दिव्य आर्य संतान।
जिएँ तो सदा उसी के लिए, यही अभिमान रहे, यह हर्ष,
निछावर कर दें हम सर्वस्व, हमारा प्यारा भारतवर्ष।
मेेरे सपनों का भारत भय, भूख और गरीबी से पूरी तरह से मुक्त होगा। मेरे सपनों के भारत में सभी सौहार्द भाव से रह सकेंगे। मेरा भारत विश्व में विशिष्ट स्थान बनाएगा। मेरा भारत एक विकसित राष्ट्र होगा। इसे सभी देश सम्मान की दृष्टि से देखेंगे। इस भारत पर हम सभी भारतवासियों को गर्व होगा।
निबंध नंबर :- 02
मेरे सपनों का भारत
Mere Sapno ka Bharat
सपने देखना मनुष्य का स्वभाव है। अपने व्यक्तिगत जीवन को उन्नत, सुखी और समृद्ध बनाने के सपने तो मैं देखा ही करता हूँ। अपने देश भारत की भावी सुख-समृद्धि का सपना भी मेरी आँखों में हमेशा पलता रहता है। मैं चाहता हूँ कि मेरी पीढ़ी के सभी लोग मिल कर, कठिन परिश्रम कर उस सपने को साकार करने का प्रयत्न करें।
आखिर कैसा होना चाहिए मेरे सपनों का भारत? रोटी, कपड़ा और मकान, जीवन की ये तीन बुनियादी आवश्यकताएँ हैं। मैं चाहता हूँ कि किसी के भी पास इन तीनों का अभाव न रहे। सभी को पौष्टिक-सन्तुलित भोजन, साफ-सुथरे कपड़े, स्वस्थ वातावरण वाला मकान प्राप्त हो सके; यह मेरा सपना तो है ही, भारत को ऐसा बनाने की दिशा में कम-से-कम मैं प्रयत्नशील भी हूँ। सभी प्रकार की अच्छी सोच विकसित करने के लिए, भीतरी-बाहरी प्रगति और विकास के लिए, स्वतंत्रता का सुख घर-घर पहुँचाने के लिए भारत के प्रत्येक निवासी का शिक्षित या कम-से-कम साक्षर होना तो बहुत ही आवश्यक है। सो मेरा सपना है कि कुटिया से राजभवन तक प्रत्येक घर के प्रत्येक बाल-वृद्ध तक शिक्षा-साक्षरता के दीपक का प्रकाश यथासंभव शीघ्र पहुँच सके ताकि सभी मेरी तरह सपने देख उन्हें साकार करने के कार्य में भी जुट सकें।
देश के चारों तरफ के वातावरण में प्रसन्नता के, हँसी-खुशी के फूल खिल सकाइस के लिए सारे वायु-मण्डल का प्रदूषण से रहित होकर तरो-ताज़ा तथा स्वस्थ रहना ही आवश्यक है। फिर कहावत भी तो है कि Health is Wealth अर्थात् स्वास्थ्य हा सच्चा धन है। सो मेरा सपना है कि भावी भारत के सभी निवासी स्वस्थ, सुन्दर और प्रसन्नचित्त हों। इसके लिए उन सभी कारणों को दूर करना होगा कि जो स्वास्थ्य-सौन्दर्य और प्रसन्नता के दुश्मन हैं ताकि हमारा वातावरण हमारे शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य-सौन्दर्य का प्रतीक बन सके।
निबंध नंबर :- 03
मेरे सपनों का भारत
Mere Sapno ka Bharat
हमारा भारत देश,जो सारे जहां से अच्छा है.वीर सपूतों का देश है,इतिहास इस बात का साक्षी है, जिन्होंने रक्त से अमर गाथाएँ लिखी हैं। यही वह भारत भमि है जहां चन्द्रगुप्त, अशोक, विक्रमादित्य.हर्षवर्धन.पृथ्वीराज जैसे यशस्वी वीर पैदा हुए हैं। अपने आप को विश्वविजेता घोषित करने की इच्छा रखने वाले सिकन्दर को मुँह तोड़ देने वाला राजा पोरस इसी धरती का वीर रत्न था। भारत की वीरता सारे विश्व में प्रसिद्ध है । अभी संसार में सभ्यता का सूर्योदय भी नहीं हुआ था जब भारत के ऋषि मुनि वेदों की रचना कर रहे थे और सारे विश्व को ज्ञान का प्रकाश देकर जीवन मार्ग दिखलाया था। उपनिषदों के ज्ञान से मानवता को नया दर्शन मिला था ।
नवीनता जीवन का एक महत्त्वपूर्ण गुण है। मनुष्य सदा एक ही जैसे वातावरण में अधिक देर तक नहीं रह सकता । वह अपने जीवन में निरन्तर परिवर्तन चाहता है । वास्तव में किसी भी देश का भविष्य नवीनता में ही छिपा होता है । जब हम अपने प्यारे भारत के बारे में सोचते हैं तो हमें पता चलता है हमारा देश नवीनता और विकास की ओर अग्रसर है । उसने विकास के कई सोपानों को पार कर लिया है तथा उसका भविष्य अत्यन्त उज्जवल है ।
20वीं शताब्दी के भारत के लोगों का जीवन कंटकों से भरा हुआ था । उसने अपने जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखे और संघर्ष करते हुए सारे संसार में अपना विशेष स्थान बनाया । इसके पूर्वाध में दो विश्व युद्ध हुए जिन्होंने मानव जीवन का बहुत अधिक विनाश किया । दूसरा विश्व युद्ध भारत की सीमाओं तक इस सीमा तक पहुंच गया तथा भारत का विभाजन हो गया जिसके फलस्वरूप सैकड़ों नर-नारी, बच्चे तथा बढे लोगों का संहार हुआ तथा अहिंसा के पुजारी की निर्मम हत्या हुई । इस प्रकार यह सही भारत के इतिहास में वेदना, विद्रोह तथा प्रतिशोध की भावनाओं जैसे संस्कार लेकर आई ।
यद्यपि भारत अभी तक आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न नहीं है परन्तु फिर भी भारत अपने सीमित साधनों का उचित प्रयोग करके पूरे उत्साह के साथ 21वीं शताब्दी में प्रवेश कर चुका है। मुझे इस बात की पूर्ण आशा है 21वीं शताब्दी का भारत विश्व की चुनौतियों का सामना करने कि लिए पूर्ण रूप से सुदृढ़ होगा और प्राचीन गौरव को प्राप्त कर सकेगा और सारे विश्व को फिर से नई दिशा दे सकेगा। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में मेरे सपनों का भारत निम्नलिखित प्रकार से होगा-
- सामाजिक क्षेत्र में–21वीं शताब्दी का भारत गान्धीवादी दर्शन से पर्ण रूप से प्रभावित होगा । यद्यपि छुआछूत को दूर करने के लिए अनेक प्रस्ताव पारित किए गए हैं परन्तु अस्पृश्यता का पूर्णरूप से उन्मूलन अभी नहीं हुआ है । हमें आशा ही नहीं वरण पूर्ण विश्वास भी है कि आने वाले समय में भारत में जाति-पाति, ऊँच-नीच आदि किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा और सभी लोग आपस में परस्पर सौहार्द और प्रेमभाव से रहेंगे । भारतीय नारी किसी भी प्रकार के अत्याचार को सहन नहीं करेगी और न ही वह किसी कानूनी सहारे की मोहताज रहेगी । वह इतनी जागरुक हो जाएगी कि वह किसी भी अत्याचार का सामना करने के लिए दुर्गा का रूप धारण कर लेगी । समाज के उत्थान में सभी वर्ग के लोग अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगें । भारत में रूढ़ियों, कुरीतियों तथा अन्धविश्वासों का अन्त होगा । ज्ञान और विवेक का प्रकाश फैलेगा।
- विज्ञान के क्षेत्र में–वैज्ञानिक क्षेत्र में भारत पूर्णतया परिवर्तित हो जाएगा । विज्ञान की नई टेकनोलोजी के लिए भारत किसी अन्य देश पर निर्भर नहीं करेगा । उसका सब कुछ अपना होगा । वह भी वैज्ञानिक क्षेत्र में अभूतपूर्व अनुसन्धान करके विभिन्न ग्रहों की यात्रा करेगा । कमप्यूटरों द्वारा बटन दबाते ही सारा काम अपने आप हो जाएगा ।
- शिक्षा के क्षेत्र में–अभी शिक्षा केवल सिद्धान्तवादी है जब कि आने वाले समय में शिक्षा ऐसी होगी जो एक बालक को एक स्वतन्त्र व्यक्ति के रूप में शिक्षित कर सकेगी । शिक्षा ऐसी होगी जो रोज़गार देने में समर्थ होगी । विद्यार्थी सार्थक, उपयोगी और निर्माणपरक शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे । शिक्षा ऐसे नागरिक पैदा करेगी जिन्हें भारत की मिट्टी से प्यार हो । अध्यापकों का मान सम्मान बढ़ेगा और राष्ट्र निर्माण में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान होगा । शिक्षा प्रत्येक क्षेत्र में भारतीय मूल्यों और भारतीय संस्कृति की प्राचीन गरिमा को बहाल रखेगी और अपने ऊपर पाश्चात्य संस्कृति को किसी भी प्रकार से हावी नहीं होने दिया जाएगा । जीवन मूल्यों की स्थापना करना शिक्षा का मूल उद्देश्य होगा ।
- राजनीतिक क्षेत्र में– भ्रष्टाचार और राजनीति आजकल एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं । अब राजनीतिक क्षेत्र में पवित्रता आएगी । समूचे देश में दो या तीन दल ही रह जाएंगे । राजनीतिक दृष्टि से शक्तिशाली होने के कारण हमारी गिनती विश्व की महान् शक्तियों में होगी । राजनेता देश को सही मार्ग पर ले जाने के लिए कटिबद्ध होंगे तथा देश के सच्चे मार्ग दर्शक बनेंगे ।
- आर्थिक क्षेत्र में– देश आर्थिक दृष्टि से और अधिक सुदृढ़ होगा और कषि के क्षेत्र में भी हम शीघ्र ही आत्म-निर्भर हो जाएँगे । आर्थिक असमानता काफी हद तक दूर हो जाएगी । गरीबी लोगों को और अधिक देर तक दबा नहीं सकेगी तथा गरीबी रेखा से नीचे दबे लोग समानता की ओर अग्रसर होंगे।
- नैतिक और धार्मिक क्षेत्र में– 20वीं सदी में जो नैतिक मूल्यों में गिरावट आ गई थी अब हमें पूर्ण रूप से आशा है कि इसमें उच्चता आएगी । धर्म की संकीर्णता दूर होगी । धार्मिक कट्टरता का विष फैलाने वाले ठेकेदारों का शीघ्र ही अन्त होगा और पूजा स्थल मानवता के पूज्य स्थल बन जाएंगे ।
इस प्रकार 21वीं सदी का भारत सच्चे अर्थों में भारतवासियों के स्वप्नों का महान् भारत होगा । उसका सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रूप भव्य होगा । हम राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त के शब्दों में कह सकते हैं-
सम्पूर्णदेशोंसेअधिकजिसदेशकाउत्कर्षहै।
वहदेशमेरादेशहै, वहदेशभारतवर्षहै।
निबंध नंबर :- 04
मेरे सपनों का भारत
Mere Sapno Ka Bharat
संकेत बिंदु –मेरे सपनों के भारत की कल्पना –सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से–शोषण से मुक्त भारत –एकता, प्रगति, लोकतंत्र
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जिसमें सब देशवासी सुख-शांति से रह सकेंगे। यह भारत प्राचीन गौरवशाली भारत के समान होगा। प्राचीन काल में भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। वर्तमान समय में भारत निर्धनता के दौर से गुजर रहा है। हम विदेशी आर्थिक सहायता पर आश्रित हैं। मैं उस भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें आर्थिक संपन्नता हो। हमारा जीवन समृद्ध हो तथा हम किसी देश के सम्मुख हाथ न फैलाएँ। भारत सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का मार्ग-दर्शक रहा है। हमारे नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालय में विश्व भर से विद्यार्थी पढ़ने आया करते थे। आज हम विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने में गौरव का अनुभव करते हैं। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें हम एक बार पुनः सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व कर सकेंगे। हमारी संस्कृति विश्व की श्रेष्ठ संस्कृति है। मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जो सभी के शोषण से मुक्त होगा। वहाँ न तो पूँजीपति वर्ग किसान-मजदूरों पर शोषण कर पाएगा और न राजनीतिज्ञ आम जनता का। उस भारत में सभी को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध होंगे। समानता एवं भ्रातत्व का भाव सभी के हृदय में विद्यमान होगा। वर्तमान समय में भारत में अशिक्षा सबसे बड़ा अभिशाप है। इससे छुटकारा पाए बिना भारत उन्नति नहीं कर सकता। मेरे सपनों का भारत पूर्णत: साक्षर होगा। वहाँ सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर होगा। शिक्षा पाकर वे एक जागरूक नागरिक की भाँति जीवन विताएँगे। मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जहाँ सांप्रदायिक एकता स्थापित होगी। सभी धर्म एवं संप्रदाय के लोग आपस में मिल-जुलकर रह सकेंगे। उस भारत में आतंकवाद का नामोनिशान तक नहीं होगा। सभी निवासी इसे अपना देश समझेंगे। लोगों के हृदयों में प्रेम, करुणा, परोपकार, अहिंसा और सत्य के लिए आदर का भाव होगा। मेरे सपनों के भारत में कृषि एवं उद्योगों में प्रगति नई दिशाओं को छू रही होगी। यहाँ उत्पादन की गति कभी धीमी नहीं पड़ेगी। लोगों को खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में सुलभ होंगे और दूध-दही की नदियाँ बह रही होंगी। इससे भारतवासियों का स्वास्थ्य अच्छा रह सकेंगा। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जहाँ लोकतंत्र की जड़ें गहरे रूप में स्थापित हो चुकी होगी। यहाँ के नागरिक सभी प्रकार से स्वतंत्रता का उपभोग कर सकेगे। सभी राजनीतिक दलों को कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
मेरे सपनों का भारत
Mere Sapno Ka Bharat
निबंध नंबर :- 05
मैं भारत देश का नागरिक हूँ। मैं अपने देश से अत्यंत प्रेम करता हूँ। मेरा देश भारत प्राचीन संस्कृति तथा सभ्यता वाला देश है। भारत सन् 1947 में अंग्रेज़ों की गुलामी से मुक्त हुआ था। तबसे हमारा भारत निरंतर प्रगति की ओर बढ़ रहा है। किंतु अब इसके सामने बहुत-सी समस्याएँ खड़ी हैं-गरीबी, महँगाई, आतंकवाद आदि। मैंने भी अपने सपनों का एक भारत बनाया है जो आदर्श होगा। मेरे सपनों के भारत में ऐसी कोई समस्या नहीं होगी। गरीबी तथा बेरोजगारी ही इस देश की सबसे बड़ी समस्याएँ हैं।
अपने सपनों का भारत बनाने के लिए मेरा प्रयास होगा कि ऐसी शिक्षा व्यवस्था लोगों को रोजगार मिल सकें। देश की मूलभूत सुविधाओं, जैसे-सड़कों, रेलों, पुलों, नहरों, बिजली, पानी पर पर्याप्त धन व्यय होना चाहिए। किसान की खुशहाली बच्चों का शिक्षित जीवन तथा महिलाओं को समाज में सम्मानजनक स्थान मेरे आदर्श भारत की मुख्य विशेषताएँ होंगी। मेरे सपनों के देश में बेरोजगारी, अशिक्षा, भ्रष्टाचार, महँगाई जैसी कोई समस्या नहीं होगी। सभी को स्वास्थ्य सुविधाएँ मिलें तथा प्रत्येक नागरिक विकसित होते देश में आधुनिक तकनीकी तथा विज्ञान के आविष्कारों से परिचित हो तथा उनका लाभ उठाकर अपने जीवन को उन्नत बना सके।
धर्म-जाति के नाम पर देश में सांप्रदायिकता का ज़हर न फैले और चारों ओर धार्मिक सद्भाव हो। मेरे सपनों के भारत में कोई भी लोगों दवा के अभाव में नहीं मरेगा। मेरे सपनों के भारत में सभी व्यक्ति को समान रूप से अधिकार प्राप्त होंगे। मेरे भारत में खुशहाली तथा संपन्नता होगी किंतु अपने गौरव, सम्मान की रक्षा के लिए नागरिक भी प्रयास करें, यह मेरी इच्छा है।
essay on
मेरी कल्पना का समृद्ध भारत
Very helpful essay. Helped me complete my 10th standard internals as ‘mere sapno ka bharat’ was my topic for viva voce. Thank you.
Nice essay but plz give according to points
aa you want that also !!!!