Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mera Priya Pashu – Sher”, “मेरा प्रिय पशु – शेर” Complete Essay for Class 9, 10, 12 Students.
मेरा प्रिय पशु – शेर
Mera Priya Pashu – Sher
शेर एक बहादुर तथा शक्तिशाली पशु है। यह जंगल का राजा कहलाता है। यह हमारी बस्तियों तथा मुहल्लों में नहीं रह सकता। यह स्वतंत्रता प्रिय तथा सुंदर पशु है। यह पाँच से छह फीट या उससे भी अधिक लंबा होता है। यह जंगल, घनी झाड़ियों तथा बड़ी चट्टानों में माँद बनाकर रहता है। यह एक मांसाहारी पशु है। यह जंगल के जानवरों का शिकार करता है। जंगल के सभी पशु इससे डरते हैं। इसकी आवाज़ भी बहुत तेज तथा भयानक होती है। जब यह दहाड़ता है तो पूरा जंगल भय से दहल जाता है। यह अत्यंत तेजी से दौड़ता है। इसी कारणवश हिरन, बारहसिंगा, दरियाई घोड़े जैसे तेज दौड़ने वाले पशुओं का शिकार भी कर लेता है। शेर के पंजों तथा जबड़ों में अत्यंत शक्ति होती है। यह अपने नुकीले पंजों तथा तेज दाँतों से किसी को भी चंद पलों में खत्म कर सकता है। शेर एक सुंदर पशु है। मनुष्य इसकी सुंदर खाल प्राप्त करने के लिए इसका वध कर देते हैं।
आजकल शिकारी बड़ी संख्या में शेरों को मार रहे हैं। शेरों का शिकार करना तथा उनकी खालें बेचना दंडनीय अपराध है। हमें इस प्रजाति को सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए। सरकार ने शेरों को बचाने के लिए अनेक अभयारण्य तथा राष्ट्रीय पार्क बनाए हैं जहाँ ये सुरक्षित रह सकें। आज हम शेरों को चिड़ियाघर तथा सर्कस में भी देख सकते हैं। सर्कस में शेर का खेल सबसे अंत में दिखाया जाता है। जब रिंगमास्टर के आदेश पर शेर आग के छल्लों में से कूदकर दिखाता है तो सहसा इसकी बुद्धिमानी पर विश्वास नहीं होता है। अशोक की लाट पर भी चारों दिशाओं में मुँह किए चार शेर दिखाए गए हैं। शेर वीरता का प्रतीक है। शेर एक हिंसक पशु ही नहीं बल्कि इसमें बहुत से ऐसे गुण हैं जिन्हें हम अपने जीवन में उतार सकते हैं। इसका साहस, निर्भयता, अनुशासन, शिकार करने के लिए अपार धैर्य आदि गुण इसको सभी प्राणियों में प्रमुख स्थान दिलाते हैं तथा इसे वास्तव में जंगल का राजा बना देते हैं। हम भी इसके इन गुणों को अपनाकर अपने जीवन का आदर्श बना सकते हैं।