Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Manav Jeevan me Vigyan”, “मानव जीवन में विज्ञान ” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मानव जीवन में विज्ञान
Manav Jeevan me Vigyan
और
विज्ञान : वरदान या अभिशाप
Vigyan : Vardan ya Abhishap
विज्ञान के अनेक वरदान हैं। जिनके कारण आज के मनुष्य का जीवन बहुत ही सुविधाजनक, सुखमय और गतिशील हो गया है। मानव अब समय, स्थान और अनावश्यक श्रम से मुक्ति पा चुका है। दूरियाँ सिमट सी गई हैं। सभी विश्व एक दूसरे के निकट आ गए हैं। आज के वायुयान तो ऐसे हैं कि वे गति से भी तेज उड़ सकते हैं। आज के मानव के लिए तो कार, स्कूटर आदि वाहन आम हो चुके हैं। ऐसा लगता है मानो आज के मानव को विज्ञान ने पंख ही दे डाले।
विज्ञान की मदद से मानव ने बड़े बड़े समुद्र के बीच पेट्रोल निकाला और साथ ही नहरें भी निकाली। पर्वतों को तोड़कर सुरंगें बना डाली। सिनेमा, टी.वी. रेडियो आदि यंत्र तो अब पराने व धीमी गति वाले रह गए हैं। अब तो जमाना कंप्यूटर का है। इंटरनेट का है।
यदि हमारे कोई 60-70 साल पहले के पूर्वज से पहले और अब के बारे में समानता पूछेगे तो वह शर्ते के साथ यह कहेंगे कि मैं कहाँ आ गया हैं। सचमुच विज्ञान और वैज्ञानिकों ने अपने अविष्कारों की मदद से हमारे जीवन की काया ही पलट कर रख दी है।
21 वीं सदी के विज्ञान ने तो ऐसे-ऐसे प्रक्षेपास्त्रएटमिक हथियार बना लिए हैं । जिसके एक इशारे में ही मानव संस्कृति खत्म हो सकती है।
अगर हम विज्ञान की उपलब्धियों पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि मानव के लिए वाकई विज्ञान वरदान बनकर सामने आया है। चाहे वह कोई भी क्षेत्र ही क्यों न हो। जैसे चिकित्सा, इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान आदि।
आज के मानव के तो जीवन का अंग ही विज्ञान के कोई न कोई अविष्कार बन चुके हैं। टी.वी., सिनेमा, विद्युत शंक्ति आदि ने आज की घरेलु औरतों की समस्त परेशानियों को मानो हर लिया हो। आज की नारी चाहे वह कामकाजी हो या घरेलु उसके इस्तेमाल में लाए जाने वाले उपकरणों में फ्रिज, ए.सी., वॉशिंग मशीन, मिक्सर ग्राइंडर, माइक्रोवेव ओवेन आदि प्रमुख हैं।
प्राकृतिक गैस से तो अब खाना बनना बहुत ही सहज व सरल हो जिस कारण आज की नारी को न तो कोयला जलाना पड़ता है और न ही चूल्हा फंकना पड़ता है।
हमारे देश के लिए हरित क्रांतियाँ भी विज्ञान का ही चमत्कार है। जिसकी बदौलत हमें अनाज, दूध, दुग्ध उत्पाद, सब्जियाँ आदि आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं। आज के हमारे किसानों के पास हल जोतने के साथ साथ कई ऐसे यंत्र, उपकरण, उत्पादन बढ़ाने वाले बीज आदि हैं जिसके बदौलत हमारी सारी जरूरतें वह आसानी से पूरा कर पा रहे हैं।
औद्योगिक जगत् में भी विज्ञान के क्रांति ला दी है, जहाँ जो काम महीनों में, कई मजदूरों की मदद से किया जाता था वह तो अब दिन में एकाध मजदूर से ही हो। जा रहा है।
शिक्षा का क्षेत्र भी विज्ञान के वरदान से छुटा नहीं है।
विज्ञान के इतने लाभ हैं कि हम उनकी गिनती सरलता से नहीं कर सकते हैं। जैसा कि हम हमेशा से हमारे पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं कि हर सिक्के दे दो पहलू होते हैं उसी तरह से हम अगर विज्ञान के अच्छे रूप को देख रहे हैं, तो हमें उसके अभिशाप को नहीं भूलना चाहिए।
आज के भौतिक सुखों की सुविधाओं की दौड़ में आज का मानव सच्चे सुख, शान्ति, संतोष और आनंद को अपने से कितना दूर कर चुका है कि वह खुद नहीं जान सकता। एड्स, कैंसर आदि कई जानलेवा बीमारियों को भी विज्ञान के साइड एफेक्ट हम कह सकते हैं।
फैक्टरियों में उपयोग में लाए जाने वाली अत्याधुनिक मशीनों से निकलती जानलेवा प्रदूषण को कौन नहीं देखता है।
परमाणु शास्त्र जिसपर हमें गर्व है, हमारे दुश्मनों के पास भी हो सकता है, अगर वह नादानी में भी कुछ कर डालें तो सब कुछ तहस-नहस हो जाएगा।
अतः हमारा यह प्रश्न उठाना स्वाभाविक ही है कि क्या मानव जीवन में विज्ञान का महत्व है…