Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Kishore Kumar” , ”किशोर कुमार” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
किशोर कुमार
Kishore Kumar
भारत : लोकप्रिय पार्श्वगायक-अभिनेता
जन्म : 1929 मृत्यु : 1987
किशोर कुमार हिंदी चित्रपट के सर्वाधिक लोकप्रिय एवं शीर्षस्थ गायकों में अपना स्थान रखते हैं। उनका नाम मोहम्मद रफी एवं मकेश जैसे अमर गायकों में लिया जाता है। किशोर युवा वर्ग के प्रिय गायक रहे। उन्हें सन् 1969 से जीवन के अंत तक शीर्ष गायक रहने का सम्मान मिला। वह एकमात्र ऐसे गायक थे. जिन्हें आठ बार ‘फिल्म फेयर एवार्ड मिला। उन्हें ‘ई.एम.ई.’ (लॉस एंजिलिस) तथा ‘लता मंगेशकर पुरस्कार’ (म.प्र. शासन्) से भी सम्मानित किया गया।
किशोर दा का असली नाम आभास कमार गांगली था। उनका जन्म 4 अगस्त, 1929, खंडवा (म.प्र.) में हुआ था। खंडवा और इंदौर में शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह बंबई चले गए। उन दिनों उनके बड़े भाई अभिनेता अशोक कमार वहीं थे। वहां रहकर किशोर गायक, अभिनेता, निर्माता, निर्देशक एवं संगीतकार के रूप में स्वयूँ को स्थापित करने में जुटे रहे। सन् 1948 में बांबे टॉकीज की फिल्म ‘जिद्दी’ में संगीतकार खेमचंद प्रकाश ने उन्हें पहली बार ‘मरने की दुआएं क्यों मांगू’ गाने का मौका दिया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। देव आंनद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की फिल्मों में उन्होंने कई यादगार गीत गाए। किशोर कुमार ने रूमा देवी, मधुबाला, योगिता बाली एवं लीना चंद्रावरकर से विवाह रचाए। 13 अक्टूबर, 1987 को उनके आकस्मिक निधन से लोग स्तब्ध रह गए।
किशोर कुमार ने हजारों मस्ती भरे गीत गाए। उन्होंने अपनी गायन-शैली में रवीन्द्र संगीत के साथ ‘यूडलिंग’ स्टाइल को मिलाकर एक अलग ही ‘मूड’ पैदा किया।
किशोर कुमार गायक होने के साथ उत्कृष्ट अभिनेता भी थे। उन्होंने 81 फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें ‘भाई भाई’ (1956), ‘आशा’ (1957), ‘मुसाफिर’ (1957), ‘मिस मेरी’ (1957), ‘चलती का नाम गाड़ी’ (1958), शरारत’ (1959), ‘झुमरू’ (1961), ‘दूर गगन की छांव में’ (1964), ‘पडोसन्’ (1968) आदि प्रमुख हैं। ‘लूको चोरी’ (1958) उनकी उल्लेखनीय बंगाली फिल्म मानी.. जाती है। किशोर कुमार के अमर गीतों में ‘इक लड़की भीगी भागी-सी’, ‘कोई हमदम न रहा’, ‘कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन’, ‘ये दिल न होता बेचारा’, ‘मेरे सपनों की रानी’, ‘ये शाम मस्तानी’, ‘जिंदगी का सफर’, ‘चिंगारी कोई भड़के’, ‘ओ मेरे दिल के चैन’, ‘तेरे मेरे मिलन की ये रैना’, ‘मैं शायर बदनाम’, ‘जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं’, ‘तुम आ गए हो’ काफी उल्लेखनीय हैं।