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Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Kash mein Sainik Hota” , ”काश ! मैं सैनिक होता” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.

काश ! मैं सैनिक होता

Kash mein Sainik Hota

 

विचारबिंदुमेरी प्रेरणासैनिक होनामेरा सपनापाकिस्तान की चुनौतीमेरा प्रयास

मेरी प्रेरणा

तन समर्पित, मन समर्पित

और यह जीवन समर्पित !

चाहता हूँ देश की धरती

तुझे कुछ और भी दूँ !

-बचपन से ही ये पंक्तियाँ मेरी रग-रग में समा गई हैं।

सैनिक होनामेरा सपना-देशभक्ति के इन संस्कारों के कारण मैं जब भी अपने भविष्य का स्वप्न बुनता हूँ तो एक भारतीय सैनिक या फौजी अफसर मेरी आँखों के सामने खड़ा हो जाता है। मैं चाहता हूँ कि बड़ा होकर तन-मन-धन से देशसेवा करूँ। देशसेवा का सबसे कठिन, चुनौतीपूर्ण और वीरतापूर्ण मार्ग है-सैनिक बनकर दुश्मन के छक्के छुड़ाना। यह मार्ग बलिदान का मार्ग है। इसमें पल-पल प्राणों का खतरा रहता है। प्रशिक्षण से लेकर युद्ध के मोर्चे तक, आपातकालीन सेवाओं से लेकर दंगा-फसाद रोकने तक सभी काम साहसिक एवं खतरनाक होते हैं। खतरों में जीवन का पूरा रस सिमट आता है। मेरा यही विश्वास है कि-

 जिसने मरना सीख लिया है जीने का अधिकार उसी को।

जो काँटों के पथ पर आया, फूलों का उपहार उसी को।

स्वदेश के लिए खतरे उठाने में मैं सदैव गर्व अनुभव करूँगा।

पाकिस्तान की चुनौतीकुछ वर्षों पहले पाकिस्तान ने कश्मीर में घुसपैठिए भेजकर कारगिल की पहाड़ियों पर जो चुनौती खड़ी की, उसे सुनकर मेरा पौरुष रह-रहकर जोर मारने लगता है। मेरी नसें दशमन की छाती चीर डालने को तड़पती हैं। काश ! इस समय मैं सैनिक बनकर कारगिल में लड़ता। अपने देश की इंच-इंच भूमि मुक्त करवा लेता।

मरना तो एक-न-एक दिन सभी को है : किन्तु शान से मरना किसी-किसी को नसीब होता है। मैं चाहता हूँ कि में भी आन-बान-शान से मरूँ। कुछ लेकर नहीं, कुछ देकर मरूँ।

मेरा प्रयाससैनिक बनने के लिए कठोर जीवन का अभ्यास होना चाहिए। अतः मैंने कठोर व्यायाम को दिनचर्या का अंग बना लिया है। मैं रोज सुबह 4 बजे उठकर कई किलोमीटर की दौड़ लगाता हैं। मैंने नेशनल डिफेंस एकेडमी के लिए तैयारी करने का निश्चय किया है। मैं स्काउट्स और एन.सी.सी. का कैडेट हूँ। मेरी एक ही इच्छा है-मैं सैनिक बनूँ और देश की रक्षा करूँ।

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