Hindi Essay/Paragraph/Speech on “John D. Rockefeller” , ”जॉन डी. रॉकफेलर” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
जॉन डी. रॉकफेलर
John D. Rockefeller
अमरीका : मानवतावादी उद्योगपति
जन्म : 1839 मृत्यु : 1937
जॉन डेविसन् रॉकफेलर ने यह सिद्ध कर दिया कि परिश्रम और सूझबूझ से व्यक्ति धन कुबेर भी बन सकता है। घोर निर्धनता में पलकर भी वह एक दिन विश्व के सबसे धनी व्यक्ति बने। अपार संपत्ति पैदा कर लेने पर भी वह एक सामान्य व्यक्ति की तरह सादा जीवन व्यतीत करते रहे। रॉकफेलर ने अपने भाई विलियम के साथ स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी की स्थापना की थी. जो काफी समय तक अमरीका के तेल व्यवसाय का नियूँत्रण करती रही। उन्होंने तेल उद्योग से प्राप्त धनराशि को मानव कल्याण में लगाया। अरबों डॉलर कमाने वाले रॉकफेलर ने लोकसेवा के कार्यों में जितना धन दिया है, उतना किसी अन्य व्यक्ति या संस्था ने नहीं दिया। शिकागो विश्वविद्यालय का अस्तित्व रॉकफेलर की ही वजह से है। उन्होंने रॉकफेलर फाउंडेशन की स्थापना की और चिकित्सा अनुसंधान, चर्च तथा विश्वविद्यालय के लिए अपार धन दिया। आज भी रॉकफेलर फाउंडेशन संसार के सभी भागों में किसी न किसी रूप में सेवारत है।
रॉकफेलर का जन्म रिचफोर्ड (न्यूयार्क के एक निर्धन परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी। जब उनका परिवार क्लीवलैंड गया, तो रॉकफेलर 25 डॉलर मासिक पर बहीखाता लिखने की नौकरी करने लगे। बचपन से ही इधर-उधर मजदूरी करते और कुछ पैसे बचाते भी थे। इन्हीं बचाए गए पैसों से उन्होंने व्यापार में हिस्सा लेना शुरू कर दिया। पेंसिलवेनिया में पैट्रोल मिला, तो वह एक व्यवसायी के साथ भागीदार हो गए। बाद में स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी के अध्यक्ष बने और अपने परिश्रम एवं बुद्धि के बल पर वह अमरीका के महान उद्योगपति बन गए। समाज कल्याण के कार्यों एवं अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाते हुए 98 वर्ष की आयु में इस महापुरुष की मृत्यु हो गयी।
वास्तव में रॉकफेलर की जीवनगाथा निर्धन एवं धनिक, दोनों ही के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने दिखा दिया कि एक निर्धन को भी परिश्रम द्वारा कहां तक सफलताएं मिल सकती हैं और धनिकों को भी बता दिया कि अपना धन लोक कल्याण में किस तरह व्यय करना चाहिए। रॉकफेलर ने विश्व को पंजी कमाने एवं व्यय करने की एक नयी परिभाषा प्रदान की है। यही उनका सबसे बड़ा योगदान है।