Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Joan of Arc” , ”जोन ऑफ आर्क” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
जोन ऑफ आर्क
Joan of Arc
फ्रांस : राष्ट्रभक्त वीरांगना
जन्म : 1412 मृत्यु : 1431
अत्यधिक प्रसिद्ध और अब तक के समय की कठोरतम महिला जोन फ्रांस के एक छोटे से गांव के बहुत ही सामान्य किसान परिवार में पैदा हुई थी। बचपन से ही उसके मन में यह धारणा बन गयी थी कि भगवान ने उसे इंग्लैंड के हाथ से फ्रांस की मुक्ति के लिए जीवन दिया है। एक युद्ध में इंग्लैंड के हेनरी चतुर्थ की सेनाओं ने फ्रेच सेनाओं को बुरी तरह पराजित कर दिया था। बालिका जोन को इससे बहुत सदमा पहुंचा। वह फ्रांस के शासक के बेटे चार्ल्स के पास गयी और उसे विवश किया कि उसे सेना में भर्ती करके अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने की आज्ञा दी जाए। सन् 1429 में चार्ल्स ने उसे कुछ हथियार और थोड़े-से सैनिक देकर एक अंग्रेज फौज से लड़ने भेजा, जिसने ओरलियूँस नामक नगर को घेर रखा था।
जोन ऑफ आर्क ने अपने सैनिकों का उत्साह बढ़ाते हुए मुकाबला किया और विजय प्राप्त की। उसके बाद उसने चार्ल्स को इस बात के लिए विवश किया कि वह फ्रांस की गद्दी पर बैठे। उसने कुछ और स्थानों पर भी फ्रांस की सेना का नेतृत्व किया और सफलता प्राप्त की। इस प्रकार जोन ऑफ आर्क ने अपनी वीरता से देश को जाग्रत करने का महान कार्य किया। परंतु अंत में एक संघर्ष के दौरान वह ब्रिटेन के सैनिकों के हाथ पड़ गई। उन्होंने न्याय का ढोंग रचते हुए उसे जीवित जला दिया। जिस समय उसे खले मैदान में आग लगाकर जलाया जा रहा था, उस समय उसने ईसा के अंतिम शब्दों को दोहराया और उसके निकट स्थान पा लिया। वह विश्व के इतिहास में एक वीरांगना के रूप में सदा-सदा के लिए अमर हो गई। उसके बलिदान का फ्रांस पर यह प्रभाव पड़ा कि उसने भयंकर संघर्ष के बाद अंग्रेजों के प्रभुत्व को सदा-सदा के लिए समाप्त कर दिया।
जोन ऑफ आर्क का जीवन एक किंवदंती बन गया। सन् 1920 में उसे ‘संत’ की पदवी दी गई।