Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Jeevan Phoolo ka Bistar Nahi” , ”जीवन फूलों का बिस्तर नहीं है ” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
जीवन फूलों का बिस्तर नहीं है
यह कहावत जीवन का कठोर सत्य है। जीवन इतना आसान खेल नहीं है। यह मुश्किलों से भरा हुआ है। एक व्यक्ति के पास चाहे कितना सारा पैसा हो फिर भी उसके जीवन में कई मुश्किलें हो सकती हैं। पैसा सब कुछ नहीं खरीद सकता। ऐसी बहुत-सी चीजें हैं जैसे कि खुशी तथा प्यार जो पैसे से नहीं पाए जा सकते। किन्तु इसका अर्थ यह भी नहीं है कि जीवन काँटों का बिस्तर है। जीवन को तो हम स्वयं अपने कर्मों तथा सोच से बनाते हैं। यदि एक व्यक्ति अपने सभी फर्ज़ ईमानदारी से निभाए तथा दूसरों की मुसीबत में सहायता करे, वह कभी दु:खी नहीं हो सकता। लेकिन कई बार उसके हालात उसे अकेला तथा असहाय बना देते हैं। जीवन खुशी तथा ग़म का मिश्रण है। यह कहा जाता है कि जो सदा हंसते रहते हैं, उनके लिए जीवन खुश बन जाता है तथा जो गंभीर बने रहते हैं, उनका जीवन भी गंभीर हो जाता है। यह हर व्यक्ति में भिन्न होता है। जीवन एक प्रकार का दर्पण है। यदि हम हँसेंगे तो यह भी हँसेंगा, यदि हम रोएंगे तो यह भी रोएगा। इसलिए व्यक्ति को सदा सही दिशा की ओर ही जाना चाहिए।