Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Faiz Ahmad Faiz” , ”फैज अहमद फैज” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
फैज अहमद फैज
Faiz Ahmad Faiz
पाकिस्तान : एक महान उर्दूशायर
जन्म : 1911 मृत्यु : 1984
फैज उर्दू के एक बड़े शायर थे। वह पाकिस्तान में रहते थे, लेकिन भारत से उनकी आत्मा का निकट रिश्ता रहा। तीसरी दनिया के शुभचिंतक के रूप में वह साम्राज्यवादी विचारधारा से संघर्ष करते रहे। वह प्रगतिशील शायर थे। पाकिस्तान में उन्हें जिया शासन् ने काफी कष्ट दिए, लेकिन उनकी लेखनी नहीं रुकी। वह फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के अध्यक्ष यासर अराफात के साथ भी रहे। फैज का रुख रूस एवं भारत के अनकल रहा। उन्होंने इन देशों की आंतरिक एवं बाह्य नीतियों और नागरिकों को प्रभावित किया। वह ‘पाकिस्तान-टाइम्स’ के संपादक भी रहे। उन्होंने कई प्रसिद्ध एवं लोकप्रिय रचनाएं लिखी हैं। सोवियत संघ ने उन्हें ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ देकर सम्मानित किया। उनकी शायरी लोगों को प्रेम और शांति का संदेश देती है।
फैज का जन्म स्यालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था। उन्होंने लाहौर में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। सन् 1942-47 तक वह भारत के सूचना विभाग में रहे और कछ समय तक भारतीय सेना में कर्नल भी रहे। उन्होंने एक रूसी महिला से विवाह किया। 73 वर्ष की उम्र में उनका इंतकाल हुआ।
‘ये गलियों के आवारा कुत्ते’, ‘दरबारे वतन में जब एक दिन’, ‘हम मेहनतकश इस दुनिया से जब अपना हिस्सा मांगेगे’, ‘मुझसे मेरी पहली सी मुहब्बत न मांग मेरे महबूब’, ‘क्यों मेरा दिलशाद नहीं’ आदि, फैज की कई महत्त्वपूर्ण रचनाएं इस युग के प्रगतिशील साहित्य की धरोहर हैं, जिनमें फैज ने मेहनतकश आदमी की पीड़ा, उसके सौंदर्यबोध और आक्रोश को व्यक्त किया है। फैज की कृतियां पाठक के मन-मस्तिष्क को भीतर तक झकझोर देती हैं।
फैज का साहित्य उर्दू को समृद्ध करता है। उन्होंने अपनी कलम से प्रतिक्रियावादियों का पर्दाफाश किया। उनका कलाम उर्दू शायरी का एक बेशकीमती नगीना है।