Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Dr. Shivsagar Ramgulam” , ”डॉ. शिवसागर रामगुलाम” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
डॉ. शिवसागर रामगुलाम
Dr. Shivsagar Ramgulam
मॉरीशस : मॉरीशस के राष्ट्रपिता
जन्म : 1900 मृत्यु : 1985
हिन्द महासागर के लगभग सवा सात सा मील के क्षेत्र में बसा टापू मॉरीशस, वर्षों तक अंग्रेजों के अधिकार में रहा। उसे स्वतंत्र कराने वालों में सर शिवसागर रामगुलाम का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। डॉ. रामगुलाम मॉरीशस के राष्ट्रपिता माने जाते हैं। उन्होंने अपने देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन का सूत्रपात किया और भारी कष्ट सहते हुए आखिरकार अपने देश को ब्रिटिश आधिपत्य से मुक्त करा ही लिया। वहां बसे अधिकांश भारतीय किसी समय मजदूर के रूप में काम करने वहां गए थे।
शिवसागर रामगुलाम का जन्म 18 सितंबर, 1900 को पराधीन मॉरीशस में हुआ था। इंग्लैंड में उन्होंने डाक्टरी की शिक्षा प्राप्त की। तत्पश्चात मॉरीशस में वह एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में संघर्षरत रहे। इस देश की उन्नति का काफी श्रेय उन्हीं को जाता है। वह सच्चे अर्थो में आधुनिक मॉरीशस के निर्माता थे। 15 दिसंबर, 1985 को 85 वर्ष की आयु में उनका देहावसान हो गया।
रामगुलाम भारत के शुभचिंतकों में से एक थे। वह कई बार भारत आए। सन् 1959 में वह मुख्यमंत्री और उसके उपरांत मॉरीशस के प्रधानमंत्री बनाए गए। वह सर्वाधिक समय तक इस पद पर रहे। वह वहां की लेबर पार्टी के संस्थापक तथा अध्यक्ष थे। सन् 1984 में उन्हें मॉरीशस का गवर्नर-जनरल बनाया गया। वह मॉरीशस के सबसे ज्यादा लोकप्रिय व्यक्ति थे। सन् 1973 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से भी पुरस्कृत किया गया था।
भारत एवं मॉरीशस के मैत्री संबंधों को दृढ़ करने में उनके योगदान को हम कभी भुला नहीं सकेंगे।