Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Douglas MacArthur” , ”मैकआर्थर” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
मैकआर्थर
Douglas MacArthur
अमरीका : बादुर सेनानी
जन्म : 1880 मृत्यु : 1964
द्वितीय विश्वयुद्ध में विजयी पक्ष के सर्वोच्च कमांडर जनरल मैकआर्थर बीसवीं सदी में इर्विन रोमेल, यामाशिता, गोरिंग, मिशेल एवं चैशायर जैसे बहादुर सेनानियों में गिने जाते हैं।
डगलस मेकआर्थर का जन्म 26 जनवरी, 1880 को लिटिल्स रॉक्स के एक सैनिक परिवार में हुआ था। उन्होंने वेस्ट पाइंट एकेडमी से सैन्य शिक्षा ली और सन् 1903 में सेकेड-लेफ्टिनेंट बनकर फिलिपींस गए। वहां उनके पिता जनरल रह चुके थे। प्रथम महायुद्ध के समय वह रक्षामंत्री के सलाहकार थे। इस युद्ध में भाग लेकर उन्होंने कई पदक प्राप्त किए। सन् 1922 में उनका विवाह और फिर तलाक हुआ। सन् 1930 में उनको सबसे कम आयु का चीफ ऑफ स्टाफ’ (आर्मी बनने का गौरव प्राप्त हुआ। सन् 1937 में वह सेवानिवृत्त हुए।
सन् 1941 में मैकआर्थर की सेना में फिर वापसी हुई। उस समय द्वितीय विश्वयद्व चल रहा था। इस युद्ध में उन्होंने जापान को पराजित किया। बाद में उन्हें जापानियों का विश्वास अर्जित करने में सफलता मिली। इसीलिए उन्हें लाखों जापानियों ने स्नेहपूर्ण बिदाई दी थी। उनकी अंतिम सैन्य-भूमिका कोरिया युद्ध में रही थी। वह लॉर्ड कर्जन के समय में भारत भी आए थे।
मैकआर्थर 20वीं सदी के सबसे बड़े सेनानी थे। उन्हें अनेक पुरस्कार, अलंकरण एवं सम्मान प्राप्त हुए। फिलिपींस ने उन्हें ‘फील्ड मार्शल’, जापान ने सर्वोच्च सैनिक सम्मान ‘ग्रांड कार्डन आर्डर’ आदि खिताब प्रदान किए। 13 जून, 1942 को अमरीका, आस्ट्रेलिया एवं फिलिपींस में ‘मैकआर्थर दिवस’ घोषित किया गया। 15 अगस्त, 1945 को उन्हें मित्र देशों की सेना का प्रधान सेनापति (सप्रीम कमांडर) बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 19 अप्रैल, 1951 को उन्होंने अमरीकी कांग्रेस को संबोधित किया। अमरीका में उनके नाम पर स्वर्ण पदक दिया जाता है। मैकआर्थर के सम्मान में कई डाक टिकट एवं सिक्के भी निकाले जा चुके हैं।