Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Deepawali ka Parv” , ”दीवाली का पर्व” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
दीवाली का पर्व
भारत त्यौहारों तथा पर्यों का देश है। लोग इन पर्यों को पूरे उत्साह तथा उमंग के साथ मनाते हैं । दिवाली इन रंग-बिरंगे त्यौहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्यौहार कहा जाता है। इसे त्यौहारों का राजा माना जाता है। लोग इसके आने से कई दिन पहले ही इसकी तैयारियां आरंभ कर देते हैं। वे अपने घरों की सफाई करते हैं तथा रंगाई-पुताई करवाते हैं। सब तरफ उत्साह-पूर्ण वातावरण होता है।
हिन्दू इस त्यौहार को भगवान राम के रावण को मारकर अयोध्या लौटने की खुशी में मनाते हैं। इस दिन श्रीराम, लक्ष्मण तथा माता सीता चौदह वर्ष का वनवास काट कर अयोध्या लौटे थे। उनके आने की खुशी में लोगों ने अपने घरों में घी के दीपक जलाए। सिख इसे अपने छठे गुरु, गुरु हरगोबिन्द जी के सम्मान में मनाते हैं। इस दिन वे जहांगीर द्वारा ग्वालियर जेल से रिहा हुए है।
दीवाली वाले दिन बाजारों में बहुत भीड़-भाड़ तथा रौनक होती है। लोग मिठाइयां खरीदते हैं तथा अपने दोस्तों-रिश्तेदारों में उपहार बाँटते हैं। बच्चे बाजार जाकर पटाखे खरीदते हैं। सभी दुकानें खूबसूरती से सजी होती हैं। रात के समय लोग घरों को रोशन करते हैं। बच्चे पटाखे चलाते हैं। लोग माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के व्यंजन खाते हैं। सारा दृश्य बहुत खूबसूरत होता है।
इस त्यौहार के साथ अनेक बुराइयां भी जुड़ी हुई हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं तथा शराब पीते हैं। वे अपने परिवार को दुःखी करते हैं। इस दिन कई हादसे भी हो जाते हैं। कई बार पटाखों की दुकानों को आग लग जाती है। इस से जान तथा माल का नुकसान हो जाता है। बहुत बच्चे पटाखे जलाते समय जल जाते हैं। इस त्यौहार को सच्चे मन तथा पूरी सावधानी से मनाना चाहिए।