Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Bus Stand ka Drishya” , ”बस स्टैंड का दृश्य” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
बस स्टैंड का दृश्य
बस स्टैंड पर हर समय चहल-पहल रहती है। बसें आती जाती रहती हैं। हमें यहाँ हर। प्रकार के लोग देखने को मिलते हैं। यहाँ पुरुष औरतें, जवान-बढे. अमीर-गरीब सभी आते। हैं। उन्हें अपनी बस का इंतजार करते हुए देखा जा सकता है। बुकिंग खिडकियों पर भा यात्रियों की भीड़ होती है। कई बार कंडक्टर बस के अंदर ही टिकट प्रदान करते हैं।
जो यात्री अपनी बस का इंतजार कर रहे होते हैं वे अखबार पढ़ लेते हैं। कुछ चाय या कोल्ड-ड्रिंक पी रहे होते हैं। वहां पर चाय स्टाल तथा फलों की दुकानें भी होती हैं। फेरी वाले अपनी चीजें बेचने के लिए चिल्ला रहे होते हैं। कंडक्टर यात्रियों को प्रभावित करने के लिए चिल्ला रहे होते हैं। कुछ लड़के बूट पालिश करने के लिए मिन्नतें कर रहे होते हैं। भिखारी भीख मांगते दिखाई देते हैं।
जब बस आती है तो दृश्य एक दम से बदल जाता है। नीली वर्दी में कुली इधर-उधर भाग रहे होते हैं। वह बस के बाहर सामान ढोते हैं। कुछ अपने सिर पर सामान रखकर उसे छत पर पहुंचाते हैं। सभी तरफ शोर ही शोर होता है। बसों की आवाजों से दृश्य अधिक शोर-शराबे वाला लगता है। यहां पर एक असमंजस वाली स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यदि बसों में सीट पर नम्बर लगे हों तो ठीक, नहीं तो यात्री अपनी पसन्द की सीट प्राप्त करने के लिए धक्का-मुक्की करने लगते हैं।
यदि बस स्टैंड किसी बड़े शहर का हो तो यहाँ बस अधिक समय के लिए रुकती है। जब समय पूरा होता है तो कंडक्टर सीटी बजाता है। उसके बाद बस अपनी मंजिल की ओर चल पड़ती है। आधी रात के बाद बसें चलना बंद हो जाती हैं। किन्तु लम्बे रास्ते वाली बसें चलती रहती हैं। कुछ लोगों को रात का सफर करना पसन्द होता है। बस स्टैंड पर रात के समय भी हलचल होती रहती है।