Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Bhrashtachar, Kala Dhan Aur Baba Ramdev”, “भ्रष्टाचार, काला धन और बाबा रामदेव” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
भ्रष्टाचार, काला धन और बाबा रामदेव
Bhrashtachar, Kala Dhan Aur Baba Ramdev
आज सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में शायद ही कोई नागरिक होगा। जिसने बाबा रामदेव का नाम न सुना हो। बाबा रामदेव, न सिर्फ योगा सिखाते हैं बल्कि वह एक अच्छे नागरिक के क्या कर्त्तव्य हैं वह भी बतलाते हैं और हमें अपने देश के प्रति कर्तव्यों को सिखाते हैं।
अपनी यात्रा बाबा रामदेव ने हरिद्वार से शुरु की और आज शायद ही कोई स्थल ऐसा होगा जहाँ उनके चरण, नाम न पहुँचा हो। करोड़ो लोगों की जटिल से जटिल बीमारी को मात्र योगा से ठीक करने वाले बाबा रामदेव एक अवतार पुरुष हैं। जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए सरकार से ठक्कर ली।
काला धन, भ्रष्टाचार आदि जैसे संवेदनशील मामलों को बाबा रामदेव ने उठाकर यह साबित कर दिया कि वे एक सच्चे भारतीय नागरिक हैं।
योगी के रूप में बाबा रामदेव ने भारत में अपनी पहचान बनाई, सिर्फ अमीरों के लिए नहीं वह गरीबों के लिए भी कई निःशुल्क शिविरों का आयोजन कर चुके हैं। अब वह खुल कर इन विषयों पर बात करते हैं। अगर हम उनकी बात माने तो वह कहते हैं कि अगर देश के बड़े नोट जैसे 1000/- के 500/- बंद हो जाएंगे तो भ्रष्टाचार अपने आप कम हो जाएगा और अगर देश का धन (काला धन) जो विदेशों में अनैतिक रूप से जमा है वापिस आ जाता है तो हर एक भारतीय
नागरिक के पास इतना पैसा होगा कि वह अपने परिवार का भरण पोषण आराम से कर सकता है। आतंकवाद की तरह ही भ्रष्टाचार, काला धन सिर्फ भारत की ही नहीं अपितु संपर्ण विश्व की समस्या है।
सर्वप्रथम हम भ्रष्टाचार के विषय में जानकारी हासिल करते हैं, भ्रष्टाचार में लिप्त होने का अर्थ है किसी व्यक्ति का अपने रास्ते से भ्रष्ट होकर अनैतिक कार्य करना, भ्रष्टाचार के कई रूप हैं जैसे कि रिश्वत लेना, मिलावट करना, वस्तुएँ ऊंचे दामों पर बेचना, अधिक लाभ कमाने के लिए जमाखोरी करना आदि
भ्रष्टाचार में दो व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति सम्मिलित होते हैं। भ्रष्टाचार को आज इतना बढ़ावा मिल चुका है कि हर कोई इसे करने के लिए आगे बढ़ रहा है। चाहे वह किसी भी तरह का कोई भी विभाग ही क्यों न हो, चाहे वह
कोई भी आला अधिकारी ही क्यों न हो, हर कोई आजकल भ्रष्टाचार में लिप्त है। किसी फिल्म में संच ही कहा गया है कि मेरा भारत महान जहाँ सौ में से निन्यानवे बेइमान।
काला धन भी भ्रष्टाचार का ही एक रूप है। काला धन मतलब धन का काला होना नहीं बल्कि गलत तरीकों से कमाया गया धन, चाहे वह जमाखोरी करके, रिश्वत लेकर, कर की चोरी करके आदि तरीकों से क्यों न कमाया गया हो।
कालाधन सिर्फ देश के बाहर जो धन है उसे नहीं कहा जा सकता, काला धन उसे कह सकते हैं जिसे हम सरकार की जानकारी के बिना छुपा कर, जमा कर रखते हैं।
कई देशों में तो ऐसे कई बैंक हैं जो काले धन वालों को कालाधन छुपाने में मदद करते हैं। स्वीस बैंक आजकल इसी मामले में सुर्खियों में है।
स्वीस बैंक ही एकलौता ऐसा बैंक नहीं ऐसे कई हैं जो काला धन कमाने वालों की मदद करते है।
बाबा रामदेव की बदौलत आम जनता को इनके बारे में कई जानकारी मिल चुकी हैं। अब यह कोई छिपा हुआ विषय नहीं है। बाबा रामदेव ने आंदोलन तक छेड़ा
मगर वह विफ़ल रहे। आधी रात को ही उन्हें औरतों के कपड़ों में भागना पड़ा। यह सब हमें अभी हाल ही में रामलीला मैदान में उनके द्वारा चलाए गए आंदोलन में देखने को मिला। पर वह अपने अभियान से पीछे नहीं हटे और अपना संघर्ष जारी रखे
इनसब खबरों को देखकर हमें जानलेना चाहिए कि कालेधन, भ्रष्टाचार के पिछे वालों के कितने बड़े हाथ हो सकते हैं। पर हमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं क्यों कि बाबा रामदेव भी न डरे बल्कि वह तो अब अपनी सेना, अपनी सरकार
बनाकर इस जटिल समस्या का निवारण करने वाले हैं। हम तो बस भगवान से सच्चे दिल से यही प्रार्थना कर सकते हैं कि वह देश की भलाई के लिए उनका साथ दे।