Hindi Essay/Paragraph/Speech on “Benito Mussolini” , ”बेनिटो मुसोलिनी” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
बेनिटो मुसोलिनी
Benito Mussolini
इटली : जिसने फासीवाद को साकार किया
जन्म : 1883
मृत्यु : 1945
विश्व में इटली का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। इसलिए प्रथम विश्वयुद्ध के बाद आंतरिक रूप से अव्यवस्थित इटली में मुसोलिनी ने जब अपने देश के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना की बात उठाई, तो लाखों लोग उसकी ओर खिंचे चले आए। 31 अक्टूबर, 1922 को वह इटली का भाग्य विधाता बना। सन् 1940 तक उसके नेतृत्व में इटली विश्व के अग्रणी, विकसित और साम्राज्यवादी देशों की पंक्ति में आ खड़ा हुआ। दुर्भाग्य से द्वितीय विश्वयुद्ध ने मुसोलिनी और उसके स्वप्नों को ढेर कर दिया।
बेनिटो मुसोलिनी का जन्म सन् 1883 में रोमाना के एक निर्धन परिवार में हुआ था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह अध्यापक बना। बाद में वह समाजवादियों के संपर्क में आया, परंतु सन् 1919 में उसने अपनी अलग पार्टी बना ली, जिसे फासिस्ट कहा जाता था। इस दल के विचार उग्र एवं कार्य आतंकपूर्ण थे। इसके स्वयूँसेवक हथियार बंद व काले कर्ते पहने रहते थे। इन्होंने इटली की तात्कालिक अव्यवस्था का लाभ उठाकर इटली के सम्राट पर दबाव डाला और मुसोलिनी के नेतृत्व में सत्ता हथिया ली।
जिस तरह जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर को फ्यूहरर कहा जाता था, वैसे ही मुसोलिनी को ड्यूस कहा जाने लगा। तानाशाह मुसोलिनी ने अपने हजारों विरोधियों का सफाया कराकर देश में अपना एकछत्र प्रभुत्व स्थापित किया। आरंभ में मुसोलिनी हिटलर से असहमत था, किंतु जल्दी ही दोनों जोड़ीदार बन गए और अन्य देशों को अपनी सीमाओं में मिलाने लगे। ग्रीस, अल्बानिया आदि के बाद सन् 1935 में मुसोलिनी ने 51 देशों के विरोध और प्रतिबंधों के बावजूद इथियोपिया को कब्जे में लेकर द्वितीय विश्वयुद्ध का माहौल बनाया। द्वितीय विश्वयुद्ध में इटली की भारी तबाही से जनता मुसोलिनी की विरोधी हो गई। उसे 25 जुलाई, 1943 को प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया और बंदी बना लिया गया, परंतु जर्मन वायुसेना ने उसे मुक्त कराकर जर्मनी भेज दिया। जब वह जर्मनी की सहायता से समानान्तर सरकार बनाने इटली लौटा, तो 28 अप्रैल, 1945 को उसे जनता ने उसकी प्रेमिका क्लारा पेटासी के साथ पकड लिया और दोनों को मारकर मिलान के एक चौक में उल्टा लटका दिया। इस घटना के दो दिन के बाद ही हिटलर-इवा ने आत्महत्या कर ली थी।
मुसोलिनी कहा करता था, ‘खतरे के बीच जियो’। वह एक कठोर एवं देशभक्त राष्ट्र निर्माता था।