Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Agar meri Lottery khul jaye”, ”अगर मेरी लाटरी खुल जाए” Complete Hindi Nibandh for Class 8, 9, 10, Class 12 and Graduation Classes
अगर मेरी लाटरी खुल जाए
Agar meri Lottery khul jaye
एक गरीब परिवार में पैदा होने तथा कठोर परिश्रमयुक्त जिन्दगी गुजारने की स्थिति में क्या कभी लाटरी निकलने जैसा सपना देखा जा सकता है? अब तक के अपने जीवन में मैंने बहुत बार लाटरी के टिकट खरीदे हैं, लेकिन वे सभी बेकार साबित हुए। दुर्भाग्यवश, मुझे उन टिकटों से एक कानी कौड़ी भी कभी नहीं मिल सकी।
अभी कुछ ही दिनों पहले मैंने टिकट खरीदा है। तब से कभी-कभी मुझे ऐसा लगता है, जैसे मुझे पहला इनाम मिलने वाला हो। अगर सचमुच मेरे भाग्य ने मेरा साथ दे दिया और मैं रातों-रात लखपति बन गया, तो उस धन का उपयोग मैं कुछ विशेष सार्वभौम उद्देश्यों के लिए करूंगा। मैंने बहुत बड़ी-बड़ी आकांक्षाएं मन में संजो रखी हैं।
मेरी एक आकांक्षा कोई कुटीर उद्योग प्रारम्भ करने की है जिसमें मैं कुछ गरीब लोगों को रोजगार दे सकूँगा। ये कुटीर उद्योग आगे चलकर जब अपने विकसित रूप में आ जाएंगे तब मेरी इच्छा एक ऐसा कारखाना लगाने की है जिसमें धातु की तैयार वस्तुओं का निर्माण हो। इस प्रकार मैं ज्यादा-से-ज्यादा धन कमा सकूँगा और यह धन मुझे बड़ा आदमी बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
लेकिन मेरे दिमाग में कई और अन्य उत्कृष्ट और सर्वोपयोगी योजनाएं भी हैं। मैं एक अनाथालय भी खोलना चाहता हूं। उसमें मैं स्वयं कम-से-कम 5000 रुपये का प्रति वर्ष दान दूंगा, साथ ही दूसरों को भी इसी प्रकार के बड़े दान देने के लिए प्रेरित करूंगा। इस प्रकार अनाथ बच्चे सुखी और सुविधापूर्ण जीवन व्यतीत कर सकेंगे।
इसके अतिरिक्त मेरी इच्छा एक मंदिर निर्मित कराने की भी है। मंदिर से समाज की आध्यात्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। मंदिर के निर्माण पर मैं कम-से-कम एक लाख रुपया खर्च करना चाहता हूं। यदि लाटरी की राशि उससे अधिक हुई, तो मैं पहले ही इस राशि को अलग करके रख दूंगा।
अभी तो मैं एक गरीब व्यक्ति हूं, किन्तु मैं नहीं जानता कि कल मेरी स्थिति क्या होगी। फिर भी ईश्वर दयालु है। वह निश्चय ही मुझ पर कृपा करेगा और इस प्रकार सम्भव है कि कल मैं एक लखपति बन जाऊं। मेरे मन में एक बहुत बड़ी योजना गरीबों की भलाई के लिए बृहत् धन दान करने की भी है।
मेरा विचार एक नर्सरी स्कूल खोलने का भी है, जहां नन्हें शिशुओं को निःशुल्क शिक्षा दी जाएगी। मेरी इच्छा है कि उन्हें भारतीय संस्कृति की शिक्षा दी जाए। मैं उन्हें आदर्श छात्र के रूप में देखना चाहता हूं, जो बड़े होने पर अपनी मातृभूमि की सेवा कर सकें।
तत्पश्चात् शेष बची राशि से मैं आय के नये स्रोतों का प्रारम्भ करना चाहता हूं | अगर लाटरी से प्राप्त होने वाली धनराशि बहुत अधिक हुई तो मैं उसका अधिकांश भाग अनेकानेक धनोत्पादक योजनाओं पर लगा दूंगा। मेरी इच्छा एक कृषि फार्म खरीदने की भी है, जिसमें लोगों को मजदूरी पर रख सकं, जिससे गेहूँ व अन्य अनाज पैदा किए जा सकें। उससे होने वाली आय को मैं व्यावसायिक मानव-उपयोगी नयी योजनाओं पर व्यय करूंगा।
भगवान कृष्ण ने श्रीमदभगवदगीता में कहा है कि हमें अपनी सारी आय अपने ही ऊपर व्यय नहीं करनी चाहिये, बल्कि अर्जित धनराशि का एक हिस्सा गरीबों की सहायतार्थ भी खर्च करना चाहिये। मैं अपने देश से प्यार करता हूँ और ऐसे आदर्श नागरिकों का निर्माण करना चाहता हूँ जो पूरे उत्साह और तन-मन से मातृभूमि की सेवा कर सकें।
भारत को ऐसे लोगों की बेहद जरूरत हैं जो गरीबी के उन्मूलन में सहायक हो सकें। मैं इस बात का उदाहरण प्रस्तुत करूंगा कि सम्पूर्ण अर्जित धन का उपभोग अपने ही हितों में करने की बजाय उसका एक उपयुक्त हिस्सा अन्य योजनाओं पर भी खर्च किया जाए। वे अन्य योजनाएं हमारे आस-पड़ोस के गरीबों की गरीबी दूर करने में सहायक होंगी। यदि इस प्रकार के निःस्वार्थ लोग देश में हो सकें तो गरीबी के उन्मूलन में धन की कमी आ ही नहीं सकती। हमारी अर्थव्यवस्था के लिए ऐसे निःस्वार्थ कार्यकर्ताओं की बेहद जरूरत है, जो देश के कल्याण के लिए खतरों का सामना करने से न हिचकें। उन्हें दूसरों की भलाई के लिए बलिदान तक करना पड़ सकता है। अगर ऐसे निःस्वार्थ कार्यकर्त्ता देश में पैदा हों और मातृभूमि की सेवा तन-मन-धन से करें तो हमारा देश सहज ही स्वर्ग का स्थान प्राप्त कर सकता है।
अतः अनेकानेक ऐसी योजनाएं मेरे दिमाग में जोर मार रही हैं, लेकिन कभी-कभी मैं विस्मय में भर उठता हूँ कि क्या मेरी लाटरी निकलेगी भी और क्या मैं समाज कल्याण की अपनी उन योजनाओं का श्रीगणेश कर सकूँगा? अभी तक तो भाग्य मेरे साथ मजाक करता आ रहा है। अगर भाग्यलक्ष्मी ने मेरी सहायता की और मुझे पहला पुरस्कार मिला तो मैं वायदा करता हूँ कि मैं निश्चय ही आगे बढूँगा और अपनी उन योजनाओं को, जो एक लम्बे अरसे से मेरे दिमाग में उठती रही हैं, क्रियान्वित करने की पूरी कोशिश करूंगा।
मैं भाग्य लक्ष्मी से यही प्रार्थना करूंगा कि वह मेरी दीन-दशा पर दया करे, ताकि मैं पहला पुरस्कार पा सकूँ।
मैं बड़ी व्यग्रता के साथ लाटरी खुलने की तिथि की बाट जोह रहा हूं। पूरे दस लाख रुपये है, पहले पुरस्कार की राशि! है न बहुत अधिक!