Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Desh Prem” , “देशप्रेम” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation Classes.
देशप्रेम
Desh Prem
विचार–बिंदु-• देशप्रेम में त्याग • एक पवित्र भावना • देशप्रेमी का जीवन–देश के लिए • देशप्रेमियों की गौरवशाली परंपरा • देशप्रेम–सर्वोच्च भावना।
देशप्रेम में त्याग–अमेरिका के देशभक्त राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन ने देशवासियों को कहा था- “मेरे देशवासियो ! यह मत सोचो कि अमेरिका ने तुम्हारे लिए क्या किया है। तुम यह सोचो कि तुमने अमेरिका के लिए क्या किया है ?”
एक पवित्र भावना–देशप्रेम एक पवित्र भावना है; निस्वार्थ प्रेम है, दीवानगी है। भगतसिंह को देशप्रेम के बदले क्या मिला-फाँसी ! सुभाष को क्या मिला-मौत ! गाँधी को क्या मिला-गोली। फिर भी सारा राष्ट्र इन महापुरुषों के बलिदान पर नाज़ करता है। देश के लिए बलिदान हो जाने से बढ़कर संसार में और कोई गौरव नहीं है।
देशप्रेमी का जीवन–देश के लिए–देशप्रेमी के लिए स्वदेश पर मर जाना ही एक ध्येय नहीं है। उसके जीवन का एक-एक क्षण देशहित में लगता है। मुंशी प्रेमचंद लिखते हैं- “देश का उद्धार विलासियों के हाथ से नहीं हो सकता ; उसके लिए सच्चा त्याग होना चाहिए।”
देशप्रेमियों की गौरवशाली परंपरा–भारतवर्ष देशभक्तों, संतों, महापुरुषों का जनक है। यहाँ प्रारंभ से ही चाणक्य, चंद्रगुप्त, शिवाजी, महाराणा प्रताप, तिलक, गोखले, मालवीय, आजाद, सुभाष आदि न जाने कितने महापुरुषों ने बढ़-चढ़कर देशप्रेम का परिचय दिया है। रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू आदि नारियों ने देशप्रेम में प्रशंसनीय भूमिका निभाई है। प्रयोगशाला में दिन-रात एक करने वाला वैज्ञानिक, घायल-पीड़ित देशवासियों को रोग से मक्ति दिलाने वाला चिकित्सक, देश के लिए बड़े-बड़े बाँध, ताप-घर, बिजली-घर बनाने वाला इंजीनियर ; ठेकेदार ; व्यापारी ; मजदूर ; कारीगर भी देशप्रेमी है, अगर वह अपने हर काम में देश के गौरव को बढ़ाने की बात सोचता है। देश को आगे बढ़ाने की भावना से किया गया प्रत्येक कार्य देशभक्ति का पवित्र कार्य है।
देशप्रेम–सर्वोच्च भावना–देशप्रेम धन, दौलत, समृद्धि, सुख, वैभव-सबसे बड़ी भावना है। जैसे अपनी माँ गरीब, काली, करूप होते हुए भी सबसे प्यारी लगती है, उसी प्रकार अपना देश संसार भर की सुषमाओं से बढ़कर प्यारा लगता है।