Hindi Essay-Paragraph on “Nobel Prize” “नोबेल पुरस्कार” 400 words Complete Essay for Students of Class 10-12 and Competitive Examination.
नोबेल पुरस्कार
Nobel Prize
नोबेल पुरस्कार एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है, जो दुनिया के किसी देश के किसी व्यक्ति को शांति, साहित्य, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, चिकित्सा शास्त्र एवं अर्थ शास्त्र में से किसी एक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाने वाला दुनिया का सर्वोच्च प्रतिष्ठा पुरस्कार है। यह पुरस्कार अनवरत् 1901 ई. से उक्त विषयों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए लिंग, जाति, भेदभाव से उठकर दिया जाता है। इस पुरस्कार को अब तक 1000 से अधिक प्रतिभावान व्यक्तियों में बांटा जा चुका है।
नोबेल पुरस्कार का नामकरण स्वीडन के एक महान वैज्ञानिक अल्फ्रो बर्नहार्ड नोबेल के नाम पर किया गया है। नोबेल महाशय का जन्म स्वीडेन के स्टॉक होम नामक नगर में एक अति निर्धन परिवार में 21 अक्टूबर, 1833 ई. को हुआ था। फिर भी अपनी मेहनत और लगन से सन् 1860 ई. में डायनामाइट जैसे महत्त्वपूर्ण विस्फोटक की खोज कर इन्होंने विश्व को चकित कर दिया। इस शोध ने पूरी दुनिया में इनके नाम का डंका बजने लगा और इन्हें विपुल धन की प्राप्ति हुई। मरने के पहले इनके पास 90 लाख डॉलर की राशि एकत्रित हो गई। तब इन्होंने एक वसीयत नामा लिखा-मेरे मरने के बाद मेरी जमाराशि एक बैंक में जमा कर दी जाए और उससे मिलने वाले ब्याज से हर वर्ष भौतिक, रसायन, चिकित्सा, साहित्य एवं शांति के लिए महत्त्वपूर्ण कार्य करने वालों को पुरस्कार दिया जाए। 10 दिसंबर, 1896 ई. में इनकी मृत्यु के उपरांत वसीयतनामा के अनुसार 90 लाख डॉलर की पूंजी के ब्याज से 1901 से अब तक नियमित रूप से प्रत्येक वर्ष के 10 दिसंबर के नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है।
नोबेल पुरस्कार का निर्धारण एक चयन समिति द्वारा किया जाता है। जब कभी किसी एक विषय के पुरस्कार के पाने योग्य व्यक्ति की संख्या एक से अधिक होती है, तो पुरस्कार की राशि सबमें समान रूप से बांट दी जाती है। किसी वर्ष योग्य उम्मीदवार न मिलने पर, उस वर्ष उस क्षेत्र का पुरस्कार स्थगित रखा जाता है।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में कुछ भारतीय भी हैं। साहित्य के लिए रवींद्रनाथ ठाकुर, भौतिकशास्त्र के लिए सी.वी. रमण, जीव विज्ञान के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी डॉ. हरगोविंद खुराना, शांति के लिए मदर टेरेसा, अर्थशास्त्र के लिए प्रो. अमर्त्यसेन तथा रसायन शास्त्र के लिए डॉ. एस. राधाकृष्ण को यह गौरव प्राप्त हुआ। नोबेल परिवार में मैडम क्यूरी का नाम विशेष रूप से उल्लेख्य है, क्योंकि इस परिवार के प्रत्येक सदस्य को नोबेल पुरस्कार जीतने का गौरव प्राप्त हुआ। मैडम क्यूरी को स्वयं दो बार, उनके पति, पुत्रों और दामादों को एक-एक बार नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
नोबेल पुरस्कार प्राप्त करना किसी भी व्यक्ति के लिए तो गौरव की बात है, जिस राष्ट्र का व्यक्ति इस पुरस्कार को प्राप्त करता है। वह राष्ट्र भी गौरवांवित होता है, वस्तुतः नोबेल पुरस्कार पुरस्कारों का मानक है।